झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

साहिबगंज में स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिले गंभीर रोगी, लौटाएगा सहायता कोष के 45 लाख - साहिबगंज में स्वास्थ्य विभाग

वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन जिले के सभी कार्यालयों में कर्मचारी सत्र से संबंधित कामकाज करने में जुटे रहे. इधर इस सत्र में स्वास्थ्य विभाग को जिले में ऐसे गंभीर रोगी ही नहीं मिले, जिन्हें मुख्यमंत्री अति गंभीर उपचार सहायता कोष से मदद की जरूरत हो. इससे इस मद के 45 लाख 13 हजार 26 रुपये खर्च ही नहीं हो सके. इससे अब स्वास्थ्य विभाग को ये रुपये सरेंडर करने पड़ेंगे.

साहिबगंज में स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिले गंभीर रोगी

By

Published : Apr 1, 2021, 7:11 AM IST

साहिबगंज: वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन जिले के सभी कार्यालयों में कर्मचारी सत्र से संबंधित कामकाज करने में जुटे रहे. वित्तीय वर्ष की राशि सरेंडर न करना पड़े, इसके लिए अफसर कामकाज में जुटे रहे. खासकर अंतिम समय आने वाले आवंटन पर फोकस रहा. इधर स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री अति गंभीर उपचार सहायता कोष के 45 लाख 13 हजार 26 रुपये खर्च नहीं कर सका. इससे स्वास्थ्य महकमा इस राशि को लौटाएगा.

साहिबगंज में स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिले गंभीर रोगी

ये भी पढ़ें-झारखंड का बदल रहा मौसम, जानें क्या हो रही परेशानी

इधर स्वास्थ विभाग 31 मार्च को वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तक मुख्यमंत्री अति गंभीर उपचार सहायता कोष के 45 लाख 13 हजार 26 रुपये खर्च नहीं कर सका. इससे अब इस राशि को सरेंडर किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री अतिगंभीर उपचार सहायता के लिए आवंटित राशि से जितने भी आवेदन आए थे, उन लोगों को सहायता राशि देने के बाद शेष बची राशि विभाग को वापस कर दिया जाएगा. हालांकि जिले में बहुत से ऐसे मरीज हैं जिन्हें ऐसी कोई सहायता मिलती है. इसकी जानकारी ही नहीं है. इससे तमाम जरूरतमंदों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया.

साहिबगंज में स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिले गंभीर रोगी

इस फंड से सहायता पाना मुश्किल

इस फंड से राशि पाना भी आसान नहीं है. यहां से सहायता पाने के लिए मरीज को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है, क्योंकि मरीज जिस इंस्टिट्यूट में भर्ती होता है, वहां से एस्टीमेट बनाकर स्वास्थ्य विभाग में जमा करना पड़ता है. इधर इसको लेकर महीने में एक दिन बोर्ड की बैठक होती है, उस बैठक में निर्णय लिया जाता है. उसके बाद ही इस फंड से राशि निर्गत होती है. कुल मिलाकर कहा जाए तो व्यापक प्रचार-प्रसार के अभाव और राशि निर्गत करने की प्रक्रिया से लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details