साहिबगंज:पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सरकार में हुए टी-शर्ट और ट्रॉफी घोटाला के आरोप की जांच शुरू कर दी गई है. इस मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को डीएसई राजेश पासवान सिदो कान्हू स्टेडियम स्थित जिला खेल कार्यालय पहुंचे. लेकिन जिला खेल पदाधिकारी राजेश कुमार चौधरी की रांची में आयोजित हॉकी प्रतियोगिता में ड्यूटी होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. जिसके बाद डीएसई ने कार्यालय के बड़े बाबू हेमंत कुमार भगत से आवश्यक जानकारी ली और खेल पदाधिकारी को फोन पर पांच बिंदुओं पर जल्द रिपोर्ट देने को कहा.
टी-शर्ट और ट्रॉफी घोटाला मामले की जांच शुरू, साहिबगंज डीएसई ने जिला खेल कार्यालय से मांगी जानकारी - डीएसई राजेश पासवान
साहिबगंज डीएसई टी-शर्ट और ट्रॉफी घोटाला मामले की जांच करने जिला खेल कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों से जानकारी ली. टी-शर्ट और ट्रॉफी घोटाला मामले की जांच एसीबी कर रही है. एसीबी के आदेश के बाद डीएसई जानकारी लेने खेल कार्यालय पहुंचे. T shirt and trophy scam case Investigation
Published : Oct 27, 2023, 8:27 PM IST
डीएसई राजेश पासवान ने बताया कि एसीबी ने जिला स्थापना दिवस 2016 पर खिलाड़ियों को बांटे गए टी-शर्ट और ट्रॉफी की जांच करने का आदेश दिया है. जिसमें पांच बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट मांगी गयी है. जिसमें उस दिन जिले को प्राप्त हुई ट्रॉफी का विवरण, ट्रॉफी कब प्राप्त हुई और किसके माध्यम से वितरित की गई और उस अधिकारी का नाम शामिल है.
इसके अलावा जिले को कितनी टी-शर्ट प्राप्त हुई, टी-शर्ट किसके माध्यम से और कब प्राप्त हुई और उस अधिकारी या प्राधिकारी का तिथि वार विवरण और अंतिम में ट्रॉफी और टी-शर्ट प्राप्त होने के बाद किस विद्यालय या ब्लॉक को किस तिथि को वितरण के लिए आवंटित किया गया है आदि के साथ उस अधिकारी या प्राधिकारी का पूरा विवरण देने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही जांच रिपोर्ट तैयार कर एसीबी कार्यालय को भेज दी जाएगी.
क्या है मामला:बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में 2016 में जिला स्थापना दिवस पर खिलाड़ियों के बीच टी-शर्ट और ट्रॉफी का वितरण किया गया था. इसे लेकर याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव ने वर्ष 2019 में हाई कोर्ट में झारखंड सरकार के विरुद्ध पीआईएल दायर किया था. इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सभी जिलों में जांच का आदेश दिया है और इसकी जिम्मेदारी एंटी करप्शन ब्यूरो, रांची को सौंपी है. इस मामले में एसीबी ने जिला शिक्षा अधीक्षक को जांच का आदेश दिया है.