साहिबगंज:जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नाढ़ी दियारा गांव के रहने वाले झारखंड पुलिस बल के जवान रवि मिश्रा का पार्थिव शरीर देर रात देवघर से पैतृक गांव लाया गया. शव पहुंचते ही स्वजनों के बीच चीत्कार मच गया. रवि मिश्रा की मां, पत्नी और सगे संबंधियों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी के मुंह पर बस एक नाम हमारा रवि कहां चला गया, हमलोगों को छोड़कर. पूरे गांव में मातम पसरा है. क्या बूढ़ा, क्या बच्चा और महिला सभी के आंखो से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा था. रवि के पार्थिव शरीर की एक झलक देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई थी.
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प्रशासन के रवैये से परिजन नाराज:परिजनों का आरोप है किबीती रात करीब एक बजे के आसपास देवघर पुलिस के दो जवान शहीद पुलिसकर्मियों के शव को लेकर पहुंचे और चलते बने. देवघर पुलिस ने अभी तक रवि मिश्रा को शहीद का दर्जा नहीं दिया है. यही वजह है कि देवघर पुलिस और साहिबगंज पुलिस प्रशासन की तरफ से खास गतिविधि नहीं देखी गयी. ड्यूटी में किसी को बचाने में जवान शहीद हुआ है, फिर भी व्यवस्था आम लोगों की तरह देखी गयी.
देवघर पुलिस की तरफ से शव का पोस्टमार्टम कराकर महज गार्ड ऑफ आर्नर दिया और परिजन के हाथ में एक बंद लिफाफा थमा दिया, जिसमें मात्र 10000 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिये गये हैं. प्रशासन के इस रवैये से आक्रोशित परिजनों ने शव को उठाने से मना कर दिया था. वे वरीय पुलिस अधिकारी के आने की मांग कर रहे थे. परिजनों के आक्रोश का सामना मुफस्सिल थाना की पुलिस को करना पड़ा. अंतिम में सदर एसडीपीओ दुबे पहुंचे और स्वजनों को समझा बुझाकर शांत कराया. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपने वरीय अधिकारी तक उनकी बात को रखेंगे और निष्पक्ष जांच की मांग भी रखेंगे.