साहिबगंज: लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बज चुका है. लोकसभा सीट राजमहल की जनता काफी आक्रोश में दिख रही है. सांसद विजय हांसदा के कार्यकाल से जनता काफी नाराज दिख रही है.
राजमहल लोकसभा क्षेत्र की जनता का कहना है कि 6 अप्रैल 2017 को प्रधानमंत्री का आगमन साहिबगंज हुआ और गंगापुल और अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल की आधारशिला रखी. बंदरगाह का काम पूरा हो गया, लेकिन गंगापुल का काम धार में लटक गया. हमारे सांसद विजय हांसदा ने संसद में एक बार भी इस मुद्दे को नहीं उठाया. गंगा पुल बन जाता तो साहिबगंज में चौमुखी विकास होता, लेकिन ना तो हमारे जेएमएम सांसद ने आवाज उठाई और ना ही बीजेपी सरकार ने कोई पहल की है.
राजमहल लोकसभा क्षेत्र की जनता का कहना है कि साहिबगंज में सांसद के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं. ऐसा लगता है कि हमारा सांसद कहीं गुम हो गया है. लोगों का कहना है कि सांसद को साहिबगंज बुलाने के लिए थाने में गुमशुदगी दर्ज करानी पड़ेगी.
प्रतिक्रियाएं देते स्थानीय लोग दूसरी तरफ जेएमएम अल्पसंख्यक के पूर्व सचिव सरफराज आलम का कहना है कि हमारे सांसद विजय हांसदा की पार्लियामेंट में 69 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज है. रहा सवाल राजमहल लोकसभा के विकास की समस्या से संबंधित, तो साहिबगंज और पाकुड़ जिले को मिलकर 450 समस्याओं का सवाल संसद में रखा गया है. सांसद का काम है आवाज उठाना. बाकि केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि उनपर कितना अमल करती है.