साहिबगंज:जिले में 12 सितंबर को अंतरराष्टीय बंदरगाह का उद्धघाटन होने जा रहा है. इसका उद्घाटन रांची से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे राष्ट्र को समर्पित करते हुए करेंगे. बता दें कि गंगा नदी के सामदा घाट पर बंदरगाह का निर्माण किया गया है. बंदरगाह के उद्घाटन को लेकर जिलेवासियों में हर्ष का माहौल है.
प्रथम चरण का काम हुआ पूराबंदरगाह के प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है. पहले प्रयास में कोलकाता-हल्दिया से चलकर मालवाहक जहाज गंगा के रास्ते 52 कंटेनर को लेकर साहिबगंज पहुंचने में सफल रहा. इसके साथ ही बंदरगाह पर मौजूद क्रेन से कंटेनर की मदद से इसे बाहर भी निकाले जाने का प्रयास सफल हुआ.
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तैयारी हुई तेज
बंदरगाह तक वाहन के आवागमन के लिए फॉर लेन सड़क का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है. वहीं, जिले से पत्थर, गिट्टी, बालू, कोयला को बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए बड़ी मशीन लगाई गई है.
जिलेवासियों में हर्ष का माहौल
जिलेवासियों का कहना है कि यह बंदरगाह उन्हें सौगात के रूप में मिला है. इससे यह जिला आर्थिक रूप से मजबूत होगा और राज्य सुखी-सम्पन्न होगा. जिलेवासियों का कहना है कि इस पोर्ट से अंतरराष्ट्रीय फलक पर साहिबगंज को एक नई पहचान मिलेगी वहीं रोजगार के नए साधन भी प्राप्त होंगे.
विधायक ने क्या कहा
बंदरगाह को लेकर राजमहल के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि इस पोर्ट से अंतराष्ट्रीय फलक पर साहिबगंज को एक नई पहचान मिलेगी. युवाओं को रोजगार मिलेगा जिससे बेरोजगारी खत्म होगी. वहीं इससे साहिबगंज का बीता हुआ गौरवशाली अतीत वापस लौटेगा.
डीसी ने क्या कहा
डीसी राजीव रंजन ने कहा कि यह बंदरगाह दो चरणों मे बनना है. प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है. दूसरे चरण में आरओबी का निर्माण, सड़क ,लाइट, यात्रियों को ठहरने के लिए मुकमल यवस्था होना है. बाकी काम तीव्र गति से चल रहा है.
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क्यों खास है बंदरगाह
यह बंदरगाह मल्टी मॉडल टर्मिनल बंदरगाह है. यह हल्दिया से बनारस के बीच का केंद्र होगा जो वाराणसी के बंदरगाह से अत्याधुनिक है. इस जलमार्ग के जरिए लोग वाराणसी से बांग्लादेश तक व्यापार कर पाएंगे. इसका निर्माण 300 करोड़ की लागत से किया गया है. न्यूनतम कचरा उत्पादन और ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखकर यह बंदरगाह बनाया गया है. वहीं आगे चलकर इस बंदरगाह को रेल, सड़क और वायु मार्ग से भी जोड़ा जाएगा.