साहिबगंज:तालझारी थाना पुलिस ने चोरी के मोबाइल के साथ मोतीझरना निवासी मो सैफ अली खान नाम के युवक को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने युवक के पास से 23 मोबाइल बरामद किया है. साथ ही दो बाइक भी जब्त की है. तालझारी थाना परिसर में शुक्रवार को राजमहल पुलिस इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी.
Crime News Sahibganj: सैफ अली खान निकला मोबाइल चोर गिरोह का सरगना, चोरी के 23 मोबाइल के साथ पुलिस ने किया गिरफ्तार - एसआई उपेंद्र कुमार दास
साहिबगंज में शातिर मोबाइल चोर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. पुलिस ने उसके पास से चोरी के 23 मोबाइल बरामद किया है. आरोपी से पूछताछ में पुलिस को कई चौंकानेवाली जानकारी मिली है. जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.
महराजपुर में छापेमारी कर पुलिस ने आरोपी को दबोचाःइंस्पेक्टर राजीव रंजन ने बताया कि तालझारी के प्रभारी थाना प्रभारी सुनील कुमार को महराजपुर स्थित एनएच-80 के किनारे एक झोपड़ी के पास चोरी के मोबाइल के साथ एक युवक के खड़े होने की सूचना मिली थी. प्रभारी थाना प्रभारी सुनील कुमार ने एसआई उपेंद्र कुमार दास और अन्य सशस्त्र पुलिस बल के साथ उक्त स्थल पर छापेमारी की. इस दौरान वहां खड़े मोतीझरना निवासी मो सैफ अली खान (25) को गिरफ्तार किया गया.
तलाशी में कुल 23 मोबाइल और दो बाइक जब्तःसैफ अली खान की तलाशी के दौरान उसके पॉकेट से दो मोबाइल बरामद किया. साथ ही बाइक संख्या जेएच-18 के 3388 की डिक्की से 10 पीस मोबाइल और बाइक संख्या जेएच-18 ऐफ 0803 की डिक्की से 11 पीस मोबाइल बरामाद किया. पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर दोनों बाइक और मोबाइल जब्त कर लिया है. इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले में सैफ अली खान सहित शेख अफसर और महारापुर नया टोला निवासी बजरंगी महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
बच्चों को भी महाराजपुर में चोरी की दिलाई जा रही ट्रेनिंगः गौरतलब है कि तालझारी का महाराजपुर क्षेत्र चोरों का अड्डा बनता जा रहा है. आये दिन भारत के विभिन्न राज्यों की पुलिस चोरों के खिलाफ छापेमारी करने पहुंचती है. गांव में छोटे-छोटे बच्चों को मोबाइल चोरी करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद दलाल किस्म के लोग बच्चों को चोरी कराने के लिए बाहर ले जाते हैं और उनके अभिभावक को हर माह मोटी रकम दी जाती है. जब यही बच्चा मोबाइल चोरी करते पकड़ा जाता है तो लोग मासूम बच्चा समझ कर पुलिस के हवाले कर देते हैं, लेकिन नाबालिग होने के वजह से ऐसे बच्चे आसानी से छूट जाते हैं और फिर वही काम करते हैं.