साहिबगंज:नावेल कोरोना ने वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 23 मई तक विश्वभर में कोरोना से 3,40,047 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं भारत में इससे मरने वालों की संख्या 3,738 हो चुकी है. अगर झारखंड की बात करें तो राज्य में अब तक कुल 330 पॉजिटिव मिले हैं जिसमें से 3 लोगों की मौत हुई है.
अब कोरोना की खौफ के बीच सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू खाकर थूकने का मामला सामने आ रहा है. जिससे लोग भयभीत हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में राज्य और केंद्र सरकार सार्वजनिक स्थल पर थूकने वाले लोगों पर सख्त करवाई करने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने खुलासा किया है कि 2003 में कोटपा कानून (सिगरेट और अन्य तंबाकू नियंत्रण अधिनियम) लागू हुआ था.
क्या है कोटपा कानून
सिगरेट व अन्य तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 (कोटपा) पूरे राज्य में लागू है. इस अधिनियम के अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध है, जबकि शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ मंदिर, मस्जिद आदि की 100 मीटर की परिधि में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध है. कानून का उल्लंघन करने पर 200 रुपए जुर्माना और 6 महीने की सजा का प्रवधान है.
केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय का आदेश ये भी पढ़ें-रांची: झारखंड में कोई इलाका रेड जोन नहीं, 3 लाख से अधिक लोग लौटे वापस, 3 जिलों में अबतक एक भी पॉजिटिव केस नहीं
वहीं इस अधिनियम को लागू कराने के लिए थानाध्यक्ष तक को जिम्मेवारी दी गयी है. लेकिन विडंबना यह है कि चौक-चौराहा हो या सार्वजनिक स्थल इस कानून का धुआं सरेआम उड़ाया जा रहा है. लेकिन अब जब थूकने से कोरोना फैलने लगी और जान जाने लगी तब लोगों ने डर से तंबाकू सेवन बंद कर दिया.
टीम कर रही गुप्त छापेमारी
तम्बाकू छापेमारी टीम का नॉडल पदाधिकारी ने कहा कि कोरोना को लेकर जिला स्तर पर एक टीम बनाई गई है जिसका नेतृत्व अपर समाहर्ता कर रहे हैं. यह टीम कहीं भी किसी भी वक्त गुप्त तरीके से छापामारी करेगी. यदि कोई दुकानदार तंबाकू जैसे पदार्थ बेचते हुए पकड़े जाते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सार्वजनिक स्थल पर थूकने वाले लोगों पर भी कार्रवाई किया जाएगा. अब सार्वजिनक स्थलों पर थूकना कानूनन अपराध हो गया है. क्योंकि यह कोरोना वायरस के फैलने जरिया हो गया है.
ये भी पढ़ें-जमशेदपुर में खुलेआम मौत को दावत दे रही फैक्ट्रियां, नहीं की जा रही बचाव की व्यवस्था
अपर समाहर्ता ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के थूकने का मामला प्रकाश में आने से जिला प्रशासन सख्त हो चुकी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ एक टीम बनाई गई है, जिसे गुप्त तरीके से छापेमारी की जाएगी और वैसे व्यक्ति को पाए जाने पर आवश्यक आर्थिक दंड के साथ जेल भी भेजा जाएगा.
क्या कहते हैं समाजसेवी
हालांकि समाजसेवी संस्था से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि एक तरफ लॉकडाउन से लोग मर रहे हैं, वहीं इसका प्रतिकूल असर आम लोगों पर देखा जा रहा है जो पहले की तरह चौक-चौराहों पर सिगरेट पीते या खैनी खाते हुए नजर आ रहे थे. अब इसमें काफी कमी देखी जा रही है. खास कर के इससे गृहणियों में खुशी की लहर है. कोरोना कुछ सिख देकर जाएगा क्योंकि मादक पदार्थ के आदत में परिवर्तन होना बहुत बड़ी बात है.
ये भी पढ़ें-अंग्रेजों के जमाने के अफसर, मंगेतर ने छोड़ा तो खुद को मारी गोली!
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब बाजारों में तंबाकू जैसे पदार्थ नहीं मिल रहे हैं. राज्य सरकार भी ऐसे तंबाकू पदार्थ पर एक साल के लिए प्रतिबंद लगा चुकी है. अब लोग कोरोना के डर से कहें या कानून की डर से या फिर तंबाकू ना मिलने की स्थिति में जैसे भी हो नशीले पदार्थ छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं. लोग धीरे-धीरे आदत में परिवर्तन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जो सिगरेट या खैनी खाए बगैर नहीं रह सकते थे वैसे लोग अब मुंह में लॉन्ग या ज्वाइन लेकर चबा रहे हैं.
एक महिला ने कहा कि कोरोना की डर से लोग नशीली पदार्थ सेवन करना बंद कर दें तो इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं हो सकती. क्योंकि जिन लोगों की आदत है वह अपने कमाई का आधा हिस्सा इन नशीली पदार्थ में खर्च कर देते है. यदि आदत छूट जाती है तो महिलाओं को काफी खुशी मिलेगी. इससे उनके बच्चों पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा.