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गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से लोगों में दहशत, साहिबगंज में मस्जिद जलमग्न होने की कगार पर - झारखंड समाचार

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से साहिबगंज के लोगों में दहशत है. कटाव क्षेत्र में आने वाले कई लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं. गंगा नदी में लगातार हो रहे कटाव से कई गांवों पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है.

river Ganga in Sahibganj
river Ganga in Sahibganj

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Published : Jul 18, 2023, 1:08 PM IST

Updated : Jul 18, 2023, 1:20 PM IST

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साहिबगंज:उत्तर भारत में हुए बारिश का असर पर झारखंड में भी गंगा नदी में दिखने लगा है. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही कटाव भी होने लगा है. जिससे यहां के लोगों में दहशत है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए कई लोग तो अपना घर छोड़ दूसरी जगह चले गए हैं. राजमहल अनुमंडल अंतर्गत पूर्वी प्राणपुर पंचायत के शेखु हाजी टोला का मस्जिद गंगा नदी कटाव के जद में आ गया है. इसके पश्चिमी हिस्से का कुछ भाग गंगा नदी में समाहित भी हो गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस रफ्तार से कटाव हो रहा है ऐसे में आशंका है कि तीन से चार दिनों में मस्जिद जल्द ही गंगा नदी में समाहित हो जाएगा.

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ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले आए बाढ़ में जीतनगर, जालिमटोला, जलबालु के स्कूल गंगा नदी में बह चुके हैं. इसके अलावा कई इलाके भी पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में डूब गए जिसमें पूर्वी प्राणपुर पंचायत के खटियाकना, रज्जाक टोला, शेख मोहम्मद टोला, ऐजुल टोला, गणेश टोला, नीतनंदपुर, रज्जाक टोला, शेख मोहम्मद टोला, साधुटोला, जीतनगर, हरेन मंडल टोला शामिल हैं. एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है इसके साथ ही कटाव भी तेजी से बढ़ रहा है. जिसके कारण लोग दहशत में हैं.

जैसे-जैसे गंगा में कटाव बढ़ रहा है इसके किनारे बसें गांव के हजारों लोग सुरक्षित स्थान तलाशने में जुट गए हैं. प्रत्येक वर्ष दियारा क्षेत्रों के लोग गंगा कटाव की दंश झेलते आ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कुछ जगहों पर कटावरोधी कार्य किया गया है. जहां पर कटाव रोधी कार्य नहीं हुआ है वहां पर गंगा का कटाव हो रहा है. नदी का प्रवाह तेज होने के कारण कटाव भी तेज गति से होने लगा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस तरह से कटाव जारी रहा तो उधवा प्रखंड के निचले इलाके में बसे हजारों की आबादी वाले क्षेत्र का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है. गंगा नदीं के बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों ने विस्थापित होकर पश्चिम बंगाल, उधवा और राजमहल प्रखंड के सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है.

Last Updated : Jul 18, 2023, 1:20 PM IST

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