साहिबगंज: जिले के एडीसी विनय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एसडीओ राहुल जी आनंद जी, डीएमओ विभूति कुमार और डीटीओ संतोष कुमार गर्ग साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा पुल बना रही कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के जहाज हादसा मामले की जांच करने पहुंचे (Officers Start Investigation Of Ship Accident Case). घटनास्थल पर पहुंच कर अधिकारियों ने जहाज के संचालक से पूछताछ की. साथ ही डीबीएल कंपनी के कास्टिंग यार्ड ऑफिस में पहुंचकर घंटों कागजी प्रक्रिया पूरी की.
Ship Accident In Sahibganj: एडीसी के नेतृत्व में जहाज हादसे की जांच करने पहुंची टीम, कंपनी के कर्मियों से घंटों पूछताछ
साहिबगंज में जहाज मामले की जांच करने अधिकारियों की टीम शनिवार को दुर्घटनास्थल (Officers Start Investigation Of Ship Accident Case) पहुंची. इस दौरान अधिकारियों ने जहाज के संचालक और डीबीएल कंपनी के कर्मचारियों से घंटों पूछताछ की. साथ ही कंपनी के कार्यालय में कागजातों की भी जांच की.
अधिकारियों ने डीबीएल कंपनी के कर्मचारियों से की पूछताछः इस दौरान अधिकारियों ने जिस ट्रक का टायर फट जाने से दुर्घटना हुआ था, उस ट्रक की भी जांच की गई. इस दौरान अधिकारियों ने डीबीएल कंपनी के कर्मचारी भानु प्रताप सिंह से दुर्घटना के बारे में अहम जानकारी (Ship Accident Case In Sahibganj) ली. साथ ही दुर्घटना के दिन जहाज में मौजूद चालकों को बुलाकर बारी-बारी से दुर्घटना के बारे में जानकारी ली.
30 दिसंबर को साहिबगंज में हुआ था जहाज हादसाः गौरतलब है कि साहिबगंज में जहाज हादसा (Ship Accident In Sahibganj) 30 दिसंबर की सुबह 8:00 बजे ट्रक का टायर फट जाने के कारण हुआ था. जिसमें गोविंदपुर निवासी सैफुद्दीन संसारी की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी. वहीं मृतक का शव दुर्घटना के पांचवें दिन बरामद किया गया था. शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया था. अंतिम दिन तक छह हाईवा गंगा से निकाला जा सका था. वहीं हादसे के आठवें दिन चार सदस्यीय टीम गंगा घाट पहुंची थी और मामले की जांच की थी. जहाज का फिटनेस पेपर भी देखा था.
मृतक के भाई ने कंपनी के प्रबंधक पर थाने में दर्ज करायी थी एफआईआरःइस संबंध में मृतक के भाई सबीर अंसारी ने कंपनी के प्रबंधक भानु प्रताप सिंह सहित अन्य लोगों पर जहाज दुर्घटना मामले में केस दर्ज कराया था. वहीं कंपनी की ओर से शव के दाह-संस्कार के लिए परिवार को एक लाख नगद राशि दी गई थी और मुआवजा के तौर पर 22 से 25 लाख रुपए देने का वादा किया गया है. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद संभवतः परिजनों को मुआवजा मिल जाएगा.