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Ganga Erosion: नदी में समाया जीतनगर गांव, बेघर हुआ 139 परिवार - गंगा कटाव पीड़ितों से मिल विधायक अनंत ओझा

गंगा नदी की उफान साहिबगंज के लिए मुसीबतों का सबब लेकर आती है. हर साल बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ने से जिला के कई गांव गंगा में समा गए. आंकड़ों की बात करें तो करीब 140 परिवार इस वजह से बेघर हो चुके हैं.

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नदी में समाया जीतनगर गांव

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Published : Jul 20, 2021, 9:32 PM IST

साहिबगंजः गंगा नदी साहिबगंज से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है. गंगा नदी (Ganga River) जिला से होकर 83 किलोमीटर तक का सफर तय करती है. बारिश में जलस्तर बढ़ने से जिला पर अपना असर छोड़ती है. हर साल बाढ़ आने से गंगा आसपास के गांवों को अपने में समा लेती है.

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हर साल गंगा में बाढ़ आने से कटाव (Ganga Erosion) शुरू हो जाता है, ऐसी परिस्थिति में गंगा किनारे बसने वाले कई गांव गंगा की गोद में समा जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में हजारों लोग घर से बेघर हो जाते हैं. जान-माल की भी काफी क्षति होती है. लोग खुले आसमान में रहने को मजबूर हो जाते हैं. लेकिन इसका स्थायी निदान के लिए राज्य सरकार या जिला प्रशासन की तरफ से कुछ भी नहीं हो पाता है. हर साल बाढ़ आती है और लोगों को दर्द देकर चली जाती है.

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प्राणपुर पंचायत में गंगा कटाव जारी

हालिया उधवा प्रखंड के प्राणपुर पंचायत में कटाव जारी है. उधवा अंचल के पूर्वी प्राणपुर और उत्तर प्लासगाछी में गंगा नदी से ये कटाव पिछले कई वर्षों से जारी है. अंचलाधिकारी के अनुसार गंगा कटाव की चपेट में आकर पूर्वी प्राणपुर के जीतनगर गांव पूर्ण रूप से गंगा में समा चुका है. इसमें से 10 परिवार पश्चिम बंगाल के पंचानंदपुर की ओर पलायन (Migrate) कर चुका है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 139 से अधिक परिवार का घर गंगा की गोद में समा चुका है. इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी गई है.

कटाव से गंगा में समाया मकान

गंगा कटाव की जद में अभी-भी कई गांव हैं, कई दिनों से लगातार कटाव होने से आसपास के कई गांव पर अब डूबने का खतरा मंडराने लगा है. जानकारी के अनुसार नकीर टोला, मोहब्बत टोला, साहेब टोला, श्रीधर कॉलोनी नंबर-10, खूंटी टोला सहित अन्य गांव के लोगों को चिंता सताने लगी.


आंखों के सामने गंगा में समा गया घर

विस्थापित परिवार (Displaced Families) ने ईटीवी भारत (Etv Bharat) से अपना दर्द बयां किया है. उन्होंने कहा कि जब गंगा में बाढ़ आई और कटाव शुरू हुआ तो वो कुछ भी नहीं बचा सके. सभी लोग किसी तरह अपनी और अपने परिवार की जान बचाकर वहां से निकले. इसके बाद वो लोग किसी तरह बच-बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे हैं. इस इस कटाव में घर का सारा कीमती सामान, मवेशी समेत पूरा घर बह गया. उन्होंने बताया कि कैसे उनकी आंखों से सामने गंगा नदी के पानी का कटाव और उसमें पूरा घर समाते हुए देखा. मदद को लेकर गंगा कटाव प्रभावितों ने बताया कि अभी तक जिला प्रशासन या जनप्रतिनिधियों की ओर से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है.

कटाव से परेशान पलायन करते ग्रामीण

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विधायक ने दिया मदद का भरोसा

राजमहल विधायक अनंत ओझा (Rajmahal MLA Anant Ojha) ने गंगा कटाव पीड़ित विस्थापित परिवार से मिलने पहुंच और उनका हाल जाना. विधायक ने प्रभावितों को हरसंभव मदद दिलाने का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि मेरा विधानसभा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है, इस मामले को लेकर कई बार विधानसभा सत्र में आवाज उठाई गई है, गंगा कटाव रोधी कार्य करने के लिए जिला प्रशासन की स्वीकृति भी मिल चुकी है. लेकिन प्रशासन की शिथिलता की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई है. आज एक गांव गंगा में समा चुका है, अभी-भी 5 गांव गंगा नदी की इस कटाव की चपेट में है. जिला प्रशासन की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, वो हर पल विस्थापित परिवारों की मदद के लिए तैयार रहेंगे.

विधायक अनंत ओझा ने कटाव प्रभावित इलाके का दौरा किया

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