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सरकार की नई नियमावली से खनन धारकों में मचा हड़कंप, समस्याओं को लेकर पहुंचे DMO के पास - खनन धारकों में मचा हड़कंप

केंद्र और राज्य सरकार की नई नियमावली से खनन धारकों में हड़कंप मच गया. जिससे नाराज धारकों ने अपनी समस्याओं को लेकर डीआरएम के पास पहुंचे और नियमावली में संशोधन करने की गुहार लगाई.

खनन धारकों में मचा हड़कंप

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Published : Aug 27, 2019, 3:24 PM IST

साहिबगंजः केंद्र और राज्य सरकार की नई नियमावली से खनन धारकों में हड़कंप मच गया है. जिसके बाद सभी धारक अपनी समस्या को लेकर डीएमओ से मिल कर नियमावली में संशोधन करने की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि अगर नियम लागू हुआ तो जिला पत्थर खनिज व्यापार बंद हो जाएगा, जिससे बेरोजगारी और बढ़ जाएगी.

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दरअसल, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पत्थर उद्योग में नए नियम लागू किया गया है. जिसमें पहला नियम है कि पत्थर व्यवसाई व्यापार करने से पूर्व टैक्स जमा करेंगे. इसके अलावा मार्च 2020 के बाद लीज की समाप्ति हो जाएगी और नए तरीके से टेंडर चलाया जाएगा. वहीं, नियम बना है कि डीएमएफटी, आईटी, ईसी, एम एमएफ का भुगतान जेआईएमएमएस के माध्यम से होगा.

पत्थर व्यवसायियों में मचा हड़कंप
इस नियम को लागू होने के बाद पत्थर व्यवसायियों में हड़कंप मच गया है और अपनी समस्या को लेकर पत्थर व्यवसायी संघ के बैनर तले कई खनन धारक जिलाधिकारी से मिलकर समस्या को उनके सामने रखा. इस दौरान कहा कि अगर नियम लागू होता है तो जिले में एकमात्र पत्थर व्यवसाय है. जहां हजारों लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं यहां तक कि पहाड़िया लोगों का इस व्यवसाय से रोजी-रोटी चलती है. अगर यह नियम लागू होता है तो पत्थर व्यवसाय चौपट हो जाएगा और आम लोगों की रोजी-रोटी पर आफत पड़ जाएगी.

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नियमावली में सुधार करने की अपील
जिला पत्थर व्यवसाय संघ के सचिव ने कहा कि नियमावली खनिज नियमावली 2004 संशोधित 2017 और 2019 के नियम में यह कहीं जिक्र नहीं है कि लेसी लेने से पूर्व प्रत्येक वर्ष सरकार को टैक्स देना है या मार्च 2020 तक खनन पट्टा खत्म हो जाएगा. जिससे टेंडर की प्रक्रिया में चला जायेगा. पहले इसका रिनुअल होता था लेकिन एकदम खत्म होने से व्यवसायियों को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा. सचिव ने कहा अपनी विभिन्न समस्या को जिला खनिज पदाधिकारी से मिलकर नियमावली में सुधार करने का अपील कर रहे हैं.

नियमावली में हो सकता है थोड़ा बदलाव
जिला खनन अधिकारी ने कहा कि सरकार की जो नियमावली आई है उसे पालन करना उनकी मजबूरी है और इनकी समस्या जो सामने आ रही है इनकी बातों को गंभीरतापूर्वक अपने सीनियर अधिकारी के पास रखेंगे. उन्होंने कहा कि कोशिश होगी कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा नए नियमावली में थोड़ा बहुत सुधार हो.

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