साहिबगंज:लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों और शहरों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा होने के बाद प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है.
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण जहां बड़े पैमाने पर मजदूर शहरों को छोड़कर वापस अपने-अपने गांव लौट चुके हैं. ऐसे में साहिबगंज जिला प्रशासन मनरेगा के तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार दे रहा है. प्रवासी मजदूरों को उनके गांवों में मनरेगा के तहत काम मिल रहा है. साहिबगंज के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अबतक करीब 15 हजार प्रवासी श्रमिक अपने घर लौट चुके हैं. इन सभी को गवर्नमेंट और होम क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर स्वास्थ जांच कर रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. अभी तक 3 हजार के आसपास प्रवासी श्रमिकों को जॉब कार्ड दिया गया है और मनरेगा योजना से जोड़ा जा चुका है. इनका मूल मजदूरी डीबीडी के माध्यम से सीधे बैंक खाते में चला जाता है.
साहिबगंज में रोजगार का अभाव
देश में लगातार लॉकडाउन लगने के कारण देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. साथ ही उद्योग-धंधे ठप रहने के कारण लाखों श्रमिक बेरोजगार हो गए. साहिबगंज की आबादी लगभग 12 लाख की है. जिले में अधिकतर लोग मजदूरी करके अपना जीवन-यापन करते हैं. यहां पत्थर उद्योग के आलावा कोई दूसरा धंधा नहीं है. ऐसी स्थिति में स्थाई रूप से रहने वाले श्रमिक और अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों को रोजगार देना जिला प्रशासन के लिए चुनौती है.