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अंधविश्वास: यहां कुत्ते के काटने पर झाड़ फूंक का सहारा लेते हैं लोग, एंटी रेबीज इंजेक्शन के बारे में जानकारी ही नहीं - Jharkhand news

सरकार के जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी लोग अंधविश्वास के मकड़जाल में फंसे हुए हैं. कई लोगो ऐसे हैं जो कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लेने के बजाय झाड़ फूंक करवाते हैं. साहिबगंज के नगर थाना इलाके में कुछ ऐसा ही होता है.

people resort to exorcism when dog bites
people resort to exorcism when dog bites

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Published : Jun 22, 2023, 6:01 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 6:16 PM IST

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साहिबगंज: अंधविश्वास आज भी हमारे समाज में कायम है. इसी अंधविश्वास के कारण लोग डॉक्टर से इलाज की बजाय ओझा गुनी के पास पहुंचते हैं. जिससे कई बार लोगों की जान तक चली जाती है. ऐसा ही कुछ नगर थाना इलाके में भी हो रहा है. यहां कई लोग कुत्ते के काटने पर एंटी रेबिज इंजेक्शन नहीं लेते हैं बल्कि पीड़ित को ओझा के पास लेकर जाकर मिट्टी की कपटी पर बैठकर जहर की पहचान करते हैं.

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नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ओझा टोली में कुत्ते के काटने पर लोग मिट्टी की कपटी पर घूमते नजर आ जाएंगे. हर रविवार को यहां कुत्ते का विष उतारने के लिए लोग पहुंचते हैं. इनका इलाज करने वाले ओझा राजेंद्र पंडित का कहना है कि वे पीड़ित को एक मिट्टी की कपटी पर बैठ कर घूमने के लिए कहते हैं. अगर कपटी फूट जाती है तो पीड़ित और उसके अभिभावक यह समझ लेते हैं कि कुत्ते का विष उतर गया है और वे खुशी खुशी घर चले जाते हैं. राजेंद्र का कहना है कि कुत्ते का विष उतारने के लिए बिहार, प. बंगाल और साहिबगंज के कई प्रखंडों से लोग पहुंचते हैं. रविवार को वे सुबह से ही दरवाजे पर बैठ जाते हैं फिर शुरू हो जाता है कि पीड़ितों को कपटी पर घूमने का सिलसिला. जहर उतारने के लिए ओझा मरीजों को कुछ जड़ी बूटी देकर रवाना कर देते हैं.

कुत्ते के काटने पर अपनी भतीजी के शरीर से जहर उतरवाने पहुंचे कारनल मुर्मू कहते हैं कि ओझा ने कुछ जड़ी बूटी दी है, जिससे उसकी भतीजी ने उल्टी की है. इस दौरान कारनल इस बात पर भी चिंतित दिखाई दिए कि कपटी पर घूमने के दौरान वह नहीं फूटी इसका मतलब जहर ज्यादा चढ़ गया है. उनसे जब एंटी रेबीज इंजेक्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

वहीं, इस बारे में ओझा राजेंद्र पंडित बताते हैं कि वह पिछले 35 सालों से यह काम कर रहे हैं. उनके पास से दूर दूर से ऐसे लोग पहुंचते हैं जिन्हें कुत्ते ने काटा हो. उन्हें वे कपटी पर घुमाते हैं. कपटी नहीं फूटने पर वह एक जड़ी बूटी खाने के लिए देते है जिससे विष का प्रभाव तत्काल खत्म हो जाता है. हालांकि राजेंद्र ये भी कहते हैं कि वे हमेशा लोगों को एंटी रेबिज इंजेक्शन लेने की सलाह भी देते हैं.

वहीं, इस बारे में जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर रामदेव पासवान ने कहते हैं कि लोगों को किसी भी तरह से ओझा गुनी के चक्कर में नहीं फंसना चाहिए इससे उनकी जान भी जा सकती है. डॉ रामदेव कहते हैं कि हर अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन होता है जो मुफ्त होता है. ऐसे में अगर किसी को भी कुत्ते ने काटा है तो 24 घंटों को अंदर एंटी रेबीज इंजेक्शन जरूर लगवा लेना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों पर जिला प्रशासन नजर रख रही है.

Last Updated : Jun 22, 2023, 6:16 PM IST

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