साहिबगंजः 27 फरवरी को माघी पूर्णिमा के अवसर पर राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर राजकीय माघी पूर्णिमा मेला का आयोजन हर साल होता था. लाखों की संख्या में श्रद्धालु बिहार, बंगाल, झारखंड, ओड़िशा से सफा होड़ आदिवासी गंगा तट पर पहुंचकर स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं. इस राजकीय माघी मेला को मिनी कुंभ मेला के नाम से भी जाना जाता है.
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कोविड को लेकर यहां लगने वाला राजकीय माघी पूर्णिमा मेला इस साल प्रभावित हो गया है फिर भी माघी पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुंचेंगे क्योंकि यह आस्था से जुड़ा हुआ है. इसको लेकर उपायुक्त ने अपनी पूरी टीम के साथ गुरुवार राजमहल उत्तरवाहिनी गंगा तट का निरीक्षण किया.
उपायुक्त ने कहा कि आपदा प्रबंधन की ओर से मेला लगाने की अनुमति नहीं मिली है, हालांकि दो दिन गंगा स्नान करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को आपदा प्रबंधन के नियमावली के तहत गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रशासनिक सुविधा प्रदान की जाएगी. शौचालय और पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. एनडीआरएफ टीम और गोताखोर को भी प्रतिनियुक्त किया जाएगा. इस बार मेला नहीं लगने से दुकानें भी नहीं लगेगी. वहीं, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात रहेंगे.