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साहिबगंजः कार्तिक पूर्णिमा पर भी कोरोना का असर, उत्तरवाहिनी गंगा में कम दिखे श्रद्धालु

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर साहिबगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर दान पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इसी क्रम में इस वर्ष कोरोना का असर इस पर भी देखने को मिला. इस बार कोरोना के कारण मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ कम देखने को मिल रही है.

crowds of devotees gathered at ganga in sahibganj
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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Published : Nov 30, 2020, 1:02 PM IST

साहिबगंजः आज कार्तिक पूर्णिमा की समाप्ति का दिन है. इस दिन उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर दान पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस वर्ष कोरोना के कारण मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ कम देखने को मिल रही है.

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गंगा स्नान करने का अलग महत्व
ऐसा माना जाता है कि देवता भी आज गंगा में स्नान करने के लिए विराजते हैं. इसलिए आज इस कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है. झारखंड में सिर्फ राजमहल अनुमंडल में गंगा उत्तरवाहिनी बहती है. इस वैदिक परंपरा के अनुसार गंगा स्नान करने का अलग महत्व है. हालांकि कोरोना का असर गंगा घाट पर देखा जा रहा है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष श्रद्धालुओं की कम भीड़ देखी गई है. पुरोहित का कहना है कि उत्तरवाहिनी गंगा बिहार में सुल्तानगंज, बटेश्वर नाथ और झारखंड के राजमहल में उत्तरवाहिनी गंगा बहती है. आज के दिन गंगा स्नान करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है.

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तुलसी पूजा का खास महत्व
आज भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन तुलसी का बैकुंठ धाम में आगमन हुआ था. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व है. इसी दिन तुलसी का पृथ्वी पर आगमन भी हुआ था. इस दिन श्रीहरि की पूजा में तुलसी अर्पित करना लाभदायक होता है. मान्यता है कि इस दिन घरों में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाने और भगवान विष्णु की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं. कार्तिक मास आरोग्य प्रदान करने वाला, रोग विनाशक और सद्बुद्धि प्रदान करने वाला है. यह मां लक्ष्मी की साधना के लिए सर्वोत्तम है.

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