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19 साल बाद भी नहीं हुआ हजारों एकड़ दियारा क्षेत्र का सीमांकन, किसानों में भारी रोष

झारखंड को बिहार से अलग हुए 19 साल बीत गऐ है फिर भी आज तक दो राज्यों के बीच हजारो एकड़ दियरा क्षेत्र का सीमांकन नहीं हो सका है. यहां किसान की फसल लूट ली जाती है और विरोध करने पर मर्डर होता है. चुनाव का माहौल है अब जनप्रतिनिधियों को जनता की भेंट की जरूरत है, लेकिन सीमांकन का समस्या का समाधान करने के लिए दो कदम पीछे हट जाते हैं.

Land dispute between Bihar and Jharkhand has not been demarcated in sahibganj
नहीं हो सका सीमांकन

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Published : Dec 14, 2019, 2:15 PM IST

Updated : Jan 5, 2020, 1:12 PM IST

साहिबगंज: बिहार से झारखंड अलग हुए 19 साल बीत गया लेकिन बिहार और झारखंड के बीच गंगा पार हजारों एकड़ दियारा क्षेत्र का जमीन का अब तक सीमांकन नहीं हो सका है. जिसकी वजह से आए दिन किसानों के साथ मारपीट का मामला सामने आते रहता है. अगर किसी किसान ने विरोध किया तो उसकी हत्या तक कर दी जाती है.

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किसानों में नराजगी
बता दें कि दियारा क्षेत्र राजमहल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. राजमहल से कभी बीजेपी का तो कभी जेएमएम और कांग्रेस का प्रतिनिधि चुनकर सदन तक भेजती है लेकिन जनप्रतिनिधि ने इस सीमांकन का काम नहीं कर पाया. जिससे किसानों में काफी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि अगर किसी के पास 10 बीघा जमीन है वह सिर्फ 2 बीघा खेत पर ही अपनी फसल उगा पाते हैं बाकी जमीन पर दबंग कब्जा कर लेते हैं. आज तक इस दियारा क्षेत्र का ना तो सीमांकन हो सका और ना ही सर्वे हुआ है.

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किसान पूरी जमीन पर नहीं कर पाते है खेती
वहीं, किसान का कहना है कि हर साल खासकर कलाई फसल के समय यह समस्या उत्पन्न होती है क्योंकि कलाई दाल काफी महंगा होता है. दोनों राज्य की पुलिस 2 साल से कैंप कर रही हैं लेकिन किसी भी तरह का परेशानी नहीं हो इसका डर सताय रहता है अपना जमीन होते हुए भी अपनी पूरी जमीन पर खेती नहीं कर पाते हैं.

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होते है जमीन पर खून खराबा
साहिबगंज जिला का दियारा क्षेत्र विवादास्पद जमीन है आज तक इस जमीन का सर्वे नहीं हुआ और न ही कोई मैप बन सका कि कहां तक झारखंड की जमीन है और कहां तक बिहार का जमीन है. यही वजह है कि सीमांकन नहीं होने से इन जमीन पर खून खराबा आए दिन होते रहता है.

वहीं, किसान मोर्चा का जिलाध्यक्ष लक्ष्मण यादव का कहना है कि यदि सीमांकन के समस्या का समाधान हो जाता तो हम सुख चैन से अपना खेती करते. जनप्रतिनिधि हो या जिला प्रशासन इस दिशा में आज तक कोई भी सकारात्मक पहल नहीं उठा पाया है.

निश्चित रूप से बिहार से झारखंड कब 19 वर्ष बीत गया लेकिन गंगा पार दियारा क्षेत्र में हजारों एकड़ जमीन पर आज तक सीमांकन नहीं हो सका और न आज तक ना सर्वे हो पाया और इसका पूरा खामियाजा किसान भुगत रहा हैं. अब किसान को झारखंड के नए सरकार गठन के बाद यह उम्मीद लगी है शायद इस बार नई सरकार हमारी समस्या को समाधान कर दें.

Last Updated : Jan 5, 2020, 1:12 PM IST

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