साहिबगंज: बिहार से झारखंड अलग हुए 19 साल बीत गया लेकिन बिहार और झारखंड के बीच गंगा पार हजारों एकड़ दियारा क्षेत्र का जमीन का अब तक सीमांकन नहीं हो सका है. जिसकी वजह से आए दिन किसानों के साथ मारपीट का मामला सामने आते रहता है. अगर किसी किसान ने विरोध किया तो उसकी हत्या तक कर दी जाती है.
किसानों में नराजगी
बता दें कि दियारा क्षेत्र राजमहल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. राजमहल से कभी बीजेपी का तो कभी जेएमएम और कांग्रेस का प्रतिनिधि चुनकर सदन तक भेजती है लेकिन जनप्रतिनिधि ने इस सीमांकन का काम नहीं कर पाया. जिससे किसानों में काफी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि अगर किसी के पास 10 बीघा जमीन है वह सिर्फ 2 बीघा खेत पर ही अपनी फसल उगा पाते हैं बाकी जमीन पर दबंग कब्जा कर लेते हैं. आज तक इस दियारा क्षेत्र का ना तो सीमांकन हो सका और ना ही सर्वे हुआ है.
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किसान पूरी जमीन पर नहीं कर पाते है खेती
वहीं, किसान का कहना है कि हर साल खासकर कलाई फसल के समय यह समस्या उत्पन्न होती है क्योंकि कलाई दाल काफी महंगा होता है. दोनों राज्य की पुलिस 2 साल से कैंप कर रही हैं लेकिन किसी भी तरह का परेशानी नहीं हो इसका डर सताय रहता है अपना जमीन होते हुए भी अपनी पूरी जमीन पर खेती नहीं कर पाते हैं.