साहिबगंज: जिले में गंगा नदी का कटाव शहर की तरफ मुड़ने से लोग भयभीत है. लगभग 300 बीघा खेती योग्य जमीन गंगा की गोद में समा चुकी है .चानन गांव में करोड़ों की लागत से बना सीवरेज प्लांट पर भी खतरा मंडराने लगा है. प्लांट के पिछले हिस्से की दीवार जहां गगा नदी में समा चुकी है वहीं अब कटाव का असर प्लांट के भीतर भी दिख रहा है. सीवरेज प्लांट को गंगा कटाव से बचाने के लिए केंद्र की एनएमसीजी टीम भी मंथन कर रही है. इसी को लेकर तकनीकी टीम ने दौरा कर गंगा कटाव का जायजा लिया.
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5 सदस्यीय टीम ने लिया जायजा
आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर जेड अहमद सहित पांच सदस्यीय टीम कटाव का जायजा लेने पहुंची. टीम के साथ राजमहल विधायक अनंत ओझा भी मौजूद थे. विधायक ने तकनीकी टीम को गंगा की भौगोलिक स्थिति के बारे में बताया और कहा कि पूरी टीम एक बार स्थानीय पदाधिकारी के साथ बातचीत कर लें. सीवरेज के साथ एक बड़ी आबादी भी कटाव के चपेट में है इसलिए समग्रता के साथ काम हो तो बेहतर होगा.
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दो किलोमीटर राइट शिफ्ट हुई गंगा
कटाव का निरीक्षण करने के बाद आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर जेड अहमद ने बताया कि कटाव को देखकर ये साफ हो रहा है कि गंगा नदी अपने पहले के स्थान से दो किलोमीटर राइट शिफ्ट हो गई है. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ भी व्यवस्था करने से समस्या का समाधान नहीं होगा. उन्होंने बताया कि पूरी स्थिति का पहले अध्ययन किया जाएगा. उसके बाद नदियों पर काम करने वाली एजेंसियों को काम करने को कहा जाएगा ताकि कटाव रोधी काम शुरू किया जा सके.