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साहिबगंज के दियारा क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालातः घरों में घुसा पानी, मचान पर मवेशी सहित रहने को मजबूर

प्रदेश में लगातार बारिश से साहिबगंज में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया. जिसकी वजह से दियारा क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कई घरों में पानी घुस गया, कई लोग बेघर हो गए हैं. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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नदी

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Published : Aug 10, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Aug 10, 2021, 4:54 PM IST

साहिबगंजः झारखंड का साहिबगंज जिला बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है, प्रत्येक वर्ष बाढ़ जैसी आपदा में हजारों लोग बेघर हो जाते हैं. करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो जाती है, जानमाल जान की बर्बादी होती है. इस वर्ष भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 28 सेंटीमीटर तक पहुंच चुकी है, पानी यानी खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.

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साहिबगंज के दियारा क्षेत्र में गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ पानी घरों में घुस गया है. लोग अपनी जान बचाने के लिए मचान बनाकर रह रहे हैं. साथ ही साथ छोटे-छोटे मवेशियों को भी मचान में रख रहे हैं. दियारा क्षेत्र में धीरे-धीरे अब भयावह स्थिति बनती जा रही है. लोग धीरे-धीरे अपने मवेशियों और परिवार के साथ शहर की तरफ कूच करने लगे हैं. लगातार बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट पूर्वानुमान के अनुसार 24 घंटे में दोगुना रफ्तार से गंगा में बढ़ोतरी हो रहा है.

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दियारा क्षेत्र का रामपुर और दुर्गा टोला में पानी घुस चुका है, जल्द से जल्द इन लोगों को वहां से निकाला नहीं गया तो अनहोनी हो सकती है. लोगों के घरों में पानी घुसने से अपना खाना भी मचान पर ही बना रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन और सामाजिक संगठन की ओर से दौरा किया जा रहा है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.

घरों में नदी का पानी


दियारा क्षेत्र में पानी घुसने का साथ मवेशी पालक अपने मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने लगे हैं. लगभग हजारों मवेशी दियारा क्षेत्र से निकाले जा रहा हैं. लोगों का कहना है कि दियारा डूबने से उनका चारा खराब हो चुका है. मवेशी के सामने खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो चुकी है, अब जिला प्रशासन से ही मदद मिलने की उम्मीद है.

बाढ़ पीड़ित महिला का कहना है कि घर में कमर से ऊपर पानी हो चुका है. जान बचाने के लिए घर छोड़कर स्टेडियम के पास तलहटी में रह रहे हैं. यहां पर आने के बाद पानी की सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो चुकी है. आलम ये है कि लोग अपने मवेशी का सौदा कर, किसी तरह जीवन व्यतीत कर रहे हैं.यहां रोजगार की समस्या भई उत्पन्न हो चुकी है, लोग खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं.

दियारा क्षेत्र में बाढ़ का खतरा

उपायुक्त रामनिवास यादव ने बताया कि गंगा का जलस्तर पर बराबर नजर रखी जा रही है. सदर एसडीओ को दियारा क्षेत्र में बाढ़ का आकलन करने के लिए भेजा गया है. दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोगों से अपील की जा रही है कि पानी लगातार बढ़ रहा है, इसलिए वो सुरक्षित स्थान पर पहुंचें. डीसी ने कहा कि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर होने के साथ ही इलाक को बाढ़ क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा, इस बाबत आपदा विभाग से तीन करोड़ की राशि मांगी गई है.

मचान बनाकर रह रहे लोग

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गंगा नदी के जलस्तर की स्थिति

गंगा में खतरे का निशान यानी 27.25 मीटर का है, जबकि इसका वार्निंग लेवल 26.25 मीटर का है. मौजूदा समय में गंगा का जलस्तर सुबह 6 बजे 28 मीटर तक पहुंच गया है. आज गंगा नदी रेड जोन से 00.75 cm ऊपर से बह रही है. साहिबगंज के साथ-साथ बिहार के बक्सर से लेकर कई जिलों में गंगा का जलस्तर बढ़ा है. जबकि पश्चिम बंगाल के फरक्का और मुर्शिदाबाद जिला में गंगा की स्थिति फिलहाल स्थिर नजर आ रही है.

मवेशियों को मचान पर रखा गया
Last Updated : Aug 10, 2021, 4:54 PM IST

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