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साहिबगंज में बाढ़ः जनता की परेशानी, अफसरों का जलविहार, पब्लिक बोली-हमें मरने के लिए छोड़ दिया - water level increased in ganga

साहिबगंज में बाढ़ के हालात हैं. करीब 83 गांव और 2.5 लाख की आबादी इससे प्रभावित है. लेकिन प्रशासन दावों के उलट इनकी मदद नहीं कर पा रहा है. इससे लोगों में नाराजगी है.

flood in sahibganj, people angry due to lack of help
साहिबगंज में बाढ़

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Published : Aug 22, 2021, 12:54 PM IST

Updated : Aug 22, 2021, 1:10 PM IST

साहिबगंजःजिले में गंगा उफान (water level increased in ganga)पर हैं. साहिबगंज में बाढ़ (flood in sahibganj)के हालात बेकाबू हो चुके हैं. जिले के दियारा क्षेत्र में गांवों में घरों में पानी भर गया है. जान बचाने के लिए लोग घरों से भागकर परिवार के साथ मचानों और ऊंचे स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं. वे डर के साए में मजबूर हैं. प्रशासन राहत शिविर बनाने और लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने का दावा कर रहा है. लेकिन जमीन पर इसके हालात अलग हैं. तमाम बाढ़ पीड़ितों में इसको लेकर गुस्सा है. वे तो साफ कहते हैं कहां है जिला प्रशासन, किसको दी राहत सामग्री. उन्होंने हमें मरने के लिए छोड़ दिया.

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इन इलाकों में नहीं गया प्रशासन

साहिबगंज के दियारा क्षेत्र में बाढ़ से इलाके का दूसरे इलाकों से संपर्क कट गया है. ईटीवी की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पहुंची तो हालात भयावह नजर आए. लोगों ने कहा कि लाल मथानी, बड़ी मस्जिद टोला, सरपंच टोला समेत कई इलाकों में हालात खराब हैं. लोग जान बचाने के लिए मचानों और छतों पर रहने को मजबूर हैं.

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लोगों का कहीं से यहां आना और यहां से कहीं जाना मुश्किल है. लेकिन प्रशासन भले राहत शिविर बनाने और मदद पहुंचाने का दावा कर रहा है. लेकिन हमें कुछ नहीं मिला. एक बाढ़ पीड़ित ने कहा कि हमारी परेशानी अफसरों के लिए जलविहार सी स्थिति है. तभी तो अफसर दूर-दूर से बोट से घूमकर चले जाते हैं और कोई मदद नहीं करते.

जनप्रतिनिधियों से भी नाराजगी

एक बाढ़ पीड़ित ने तो यहां तक कह दिया कि हमें मरने के लिए छोड़ दिया गया है. भगवान ही बचाए. बाढ़ पीड़ितों ने लाल मथानी, बड़ी मस्जिद टोला, सरपंच टोला समेत कई इलाकों का नाम लेकर पूछा कि पता करिए इन इलाकों में कभी प्रशासन की टीम ने दर्शन दिए. फिर मदद क्या करेंगे. लोगों में स्थानीय सांसद और विधायक के प्रति भी गुस्सा देखने को मिला. कहा ये लोग हमारे दुख में भागीदार नहीं बन रहे.

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रिलीफ नहीं मिला

ईटीवी भारत ने बाढ़ पीड़ितों की दूसरी समस्याओं को जानना चाहा तो लोगों ने कहा कि जिला प्रशासन से किसी भी प्रकार की रिलीफ नहीं मिली. पशुओं के लिए चारा बड़ी मुश्किल से जुटा पा रहे हैं. जब जनप्रतिनिधियों के बारे में पूछा तो लोग भड़क उठे, कहा कि राजमहल सांसद विजय हांसदा और विधायक अनंत ओझा ने उनसे मिलने तक की जहमत नहीं उठाई.

बाढ़ बचने के लिए दियारा क्षेत्र के लोगों ने मचानों पर डेरा डाला

अभी तक अपने जनप्रतिनिधि का चेहरा तक नहीं देखा है. इस आपदा में कम से कम जनप्रतिनिधि को अपने क्षेत्र का भ्रमण कर समस्या को जानना चाहिए था. दियारा क्षेत्र में दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. घरों का सारा सामान पानी में डूब चुका है खाने का अनाज भी नहीं बचा. चूड़ा, सत्तू, गुड़ खाकर पानी घटने का इंतजार कर रहे हैं.

83 गांव बाढ़ प्रभावित
साहिबगंज जिले में गंगा किनारे 83 गांव और 2.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित है. साहिबगंज और राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के इन गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने में अनदेखी की जा रही है.

Last Updated : Aug 22, 2021, 1:10 PM IST

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