साहिबगंज: लॉकडाउन का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ रहा है. पहले तो बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ ही रही है, सारा फसल जमीन पर सो चुका है. गेंहू सड़ने की कगार पर पहुंच चुका है. इस लॉकडाउन में बाजार बंद हैं. एक जिला से दूसरे जिला या किसी दूसरे राज्यों में गेहूं या मकई का निर्यात नहीं होने से किसान परेशान हैं. किसान चिंतित हैं कि आवश्यकता से अधिक अनाज को कहां रखें. घर में अनाज को रखने के लिए प्रयाप्त जगह नहीं हैं. यदि किसान बाजार में बेचना चाहें तो दाम नहीं मिल रहा.
'जिला प्रशासन या राज्य सरकार सिर्फ सांत्वना दे रही'
किसानों ने कहा कि लॉकडाउन और बेमौसम बारिश का सबसे अधिक असर पड़ रहा है. दियारा क्षेत्र में हजारों एकड़ जमीन पर लगे गेहूं और मकई की कटाई अभी तक नहीं हुई है. भंडारण के लिए अलग से कोई व्यवस्था जिला स्तर पर भी नहीं है कि बाजार खुलने तक फसल रख सकें. किसानों ने कहा कि जिला प्रशासन या राज्य सरकार सिर्फ उन्हें सांत्वना दे रही.
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