साहिबगंजःझारखंड का साहिबगंज जिला सुदरवर्ती और अत्यंत पिछड़ा की गिनती में आता है, क्योंकि रोजगार पाने के लिए कोई उद्योग नहीं है. इसलिए केंद्र सरकार ने इस जिला को आकांक्षी जिला घोषित कर प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन को विकास के लिए 50 करोड़ रुपया मुहैया कराती है ताकि यहां के लोगों का जीवनस्तर सुधारे.
आय होगी दोगुनी
साहिबगंज के लोगों का मुख्य पेशा कृषि और मवेशी पालना होता है. 80% आबादी कृषि पर निर्भर है खेती से बहुतायत मात्रा में मवेशी के चारा उपलब्ध हो जाता है. यही वजह है साहिबगंज में दुग्ध उत्पादन अधिक मात्रा में होता है सदर प्रखंड के 11 पंचायत, जिसमें सकरिगली, शोभनपुर भट्ठा, हाजीपुर, डिहारी, महादेवगंज, किशनप्रसाद, रामपुर, लालबथानी सहित अन्य पंचायतों में दूध का उत्पादन खूब होता है. जिला से दूध, मक्खन, घी, पनीर, मिठाई पड़ोसी राज्य बंगाल और बिहार जाता है. मवेशी पालकों में खुशी है कि जिस दूध का दाम बाजार में 30 से 35 रुपया प्रति लीटर बिकता था, अब लगभग 50 रुपया प्रति लीटर में बिकेगा, पहले घूम-घूमकर बेचना पड़ता था, इस प्लांट के खुलने से एक जगह देने सुविधा होगी, समय की बचत होगी, मवेशी पालकों की आय भी बढ़ेगी.
नगर परिषद उपाध्यक्ष का कहना है कि साहिबगंज जिला दूध उत्पादन में काफी अव्वल है. इस डेयरी प्लांट के खुलने से रोजगार का अवसर बढ़ेगा। संथाल परगना का साहिबगंज जिला में एकमात्र यह डेयरी प्लांट का निर्माण हुआ है निश्चित रूप से आने वाले समय में साहिबगंज जिला डेहरी प्लांट के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी.