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Published : Sep 8, 2020, 6:01 AM IST

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साहिबगंज डेयरी प्लांट में दूध की उपलब्धता के लिए शर्त, जानिए क्या कहते हैं मवेशी पालक

साहिबगंज डेयरी प्लांट बनकर तैयार है. इसके बन जाने से यहां के मवेशी पालक को रोजगार मिलेगा, लोगों की आय दोगुनी होगी, लोगो के जीवनस्तर में सुधार होगा. इसके लिए लोगों ने जिला प्रशासन और सरकार के सामने कुछ शर्त रखी है. क्या है वो शर्त, जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में...

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साहिबगंज डेयरी प्लांट के लिए शर्त

साहिबगंजःझारखंड का साहिबगंज जिला सुदरवर्ती और अत्यंत पिछड़ा की गिनती में आता है, क्योंकि रोजगार पाने के लिए कोई उद्योग नहीं है. इसलिए केंद्र सरकार ने इस जिला को आकांक्षी जिला घोषित कर प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन को विकास के लिए 50 करोड़ रुपया मुहैया कराती है ताकि यहां के लोगों का जीवनस्तर सुधारे.

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आय होगी दोगुनी

साहिबगंज के लोगों का मुख्य पेशा कृषि और मवेशी पालना होता है. 80% आबादी कृषि पर निर्भर है खेती से बहुतायत मात्रा में मवेशी के चारा उपलब्ध हो जाता है. यही वजह है साहिबगंज में दुग्ध उत्पादन अधिक मात्रा में होता है सदर प्रखंड के 11 पंचायत, जिसमें सकरिगली, शोभनपुर भट्ठा, हाजीपुर, डिहारी, महादेवगंज, किशनप्रसाद, रामपुर, लालबथानी सहित अन्य पंचायतों में दूध का उत्पादन खूब होता है. जिला से दूध, मक्खन, घी, पनीर, मिठाई पड़ोसी राज्य बंगाल और बिहार जाता है. मवेशी पालकों में खुशी है कि जिस दूध का दाम बाजार में 30 से 35 रुपया प्रति लीटर बिकता था, अब लगभग 50 रुपया प्रति लीटर में बिकेगा, पहले घूम-घूमकर बेचना पड़ता था, इस प्लांट के खुलने से एक जगह देने सुविधा होगी, समय की बचत होगी, मवेशी पालकों की आय भी बढ़ेगी.

नगर परिषद उपाध्यक्ष का कहना है कि साहिबगंज जिला दूध उत्पादन में काफी अव्वल है. इस डेयरी प्लांट के खुलने से रोजगार का अवसर बढ़ेगा। संथाल परगना का साहिबगंज जिला में एकमात्र यह डेयरी प्लांट का निर्माण हुआ है निश्चित रूप से आने वाले समय में साहिबगंज जिला डेहरी प्लांट के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी.

'नहीं तो कागजों में सिमट जाएगा डेयरी फार्म'

जिला प्रशासन और डेयरी संचालक को चाहिए कि बिना शर्त लोगों को गाय, भैंस मुहैया कराए ताकि मवेशी पालक अधिक से अधिक दूध उत्पादन कर सके और डेयरी को उपलब्ध करा सके. मवेशी पालकों का कहना कि इस डेयरी प्लांट से बहुत खुशी है, रोजगार बढ़ेगा लेकिन वर्तमान में जितना भी दूध उत्पादन होता है उसकी खपत बाजार में ही हो जाती है, ऐसे में डेयरी के लिए किसान को अधिक दूध उत्पादन करना होगा, वरना करोड़ों की लागत से बना डेयरी प्लांट सिर्फ कागजी दिखावे पर सिमट कर आ जाएगा.

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पीएम ने किया था शिलान्यास

6 अप्रैल 2017 को पीएम नरेंद्र मोदी ने साहिबगंज की धरती से इस डेयरी प्लांट का शिलान्यास किया था. प्लांट के निर्माण के लिए सदर प्रखंड स्थित मुफसिल थाना के पास गौशाला की जमीन, जिला प्रशासन ने गौशाला से लीज करके 50 हजार प्रतिवर्ष किराए पर 50 साल के लिए मुहैया कराया है. इस प्लांट की कुल लागत 33 करोड़ है क्षमता की बात की जाय तो प्रतिदिन 50 हजार से 1 लाख तक दूध की खपत हो सकती है. इस प्लांट का निर्माण अब अंतिम चरण में है, बड़ी बड़ी मशीन आ चुकी हैं. प्लांट बना रही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) बहुत जल्द जिला प्रशासन को हैंडओवर होने जा रहा है.

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