साहिबगंजःजिले के तीनों विधानसभा सीट पर आगामी 20 दिसंबर को चुनाव होना है. चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है. सभी पार्टी के स्टार प्रचारक साहिबगंज में प्रचार-प्रसार के लिए आने लगे हैं. सभी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर इस सीट पर जीत हासिल करना चाहता हैं, लेकिन राजमहल क्षेत्र का विकास हुआ भी है कि नहीं, ये किसी ने जानने की कोशिश नहीं की. आज भी यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. शिक्षा, स्वास्थ, पानी और रोजगार के आस में यहां की जनता टकटकी लगाए राह देख रही है.
राजमहल ऐतिहासिक मायनों में भी महत्वपूर्ण
राजमहल शब्द से ही ऐसा लगता है कि यहां लोग राजा-महाराजा की तरह रहते होंगे. इस क्षेत्र का पुराना इतिहास भी है. मुगल शाशन काल में बंगाल की राजधानी राजमहल हुआ करता था. मुगल शासक के कार्यकाल के यहां पर कई ऐतिहासिक भवन देखने को मिलते हैं. आज भी देखने को मिलता है राजमहल विधानसभा क्षेत्र में उधवा पक्षी अभ्यारण झील भी है, जहां प्रवासी पक्षियों का आना शीत ऋतु में शुरू हो जाता है. विदेशी सैलानियों का आना भी लगातार जारी रहता है, लेकिन जिस रफ्तार से राजमहल विधानसभा क्षेत्र का विकास होना चाहिए. उस अनुपात में विकास नहीं हो पाया. आज भी राजमहल मेन रेलवे लाइन से कोसों दूर है. यहां शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लोग बिहार के भागलपुर जिला और बंगाल के मालदा जिला पर निर्भर है. रोजगार नहीं मिलने पर यहां के लोग अक्सर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं.
बीजेपी का गढ़ राजमहल
राजमहल विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ है. हालांकि इस सियासत में कांग्रेस भी इस सीट पर कई बार कब्जा कर चुका है, लेकिन जेएमएम से गठबंधन करने के बाद कांग्रेस लगातार इस सीट को जेएमएम की झोली में दे देती है. जिस वजह से कांग्रेस की पकड़ इस सीट पर कमजोर पड़ती गई. वहीं, जेएमएम लगातार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. 2014 के चुनाव की बात करें बीजेपी की इस सीट से जीत भले ही हो गई हो, लेकिन जेएमएम ने बीजेपी से सिर्फ 702 वोटों से ही हारी थी. राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार फिर बीजेपी और जेएमएम के बीच कड़ी टक्कर होने जा रही है. हालांकि, बीजेपी से आजसू का गठबंधन टूटने के बाद आजसू भी इस सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं. इसके साथ ही राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार 23 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा जा रहे हैं.
जेएमएम प्रत्याशी केताबुद्दीन शेख का क्या है कहना
वहीं, महागठबंधन से जेएमएम प्रत्याशी केताबुद्दीन शेख का दावा है कि राजमहल के चरवाहा मैदान में जिस तरह से राहुल गांधी और हेमंत सोरेन की जनसभा में लोगों की भीड़ का सैलाब उमड़ा था, उससे ये साबित होता है कि बीजेपी इस रेस में दूर-दूर तक नहीं है. उनका कहना है कि इस बार भारी बहुमत से बीजेपी को हराकर जेएमएम ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी. जब केताबुद्दीन से विकास के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तरह से स्कूल बंद हो रहे हैं और शराब की दुकाने खुल रही हैं, उससे ये साफ समझ आ रहा है कि ये विकास नहीं बल्कि विनाश हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनेगे जा रही है, जिसके बाद क्षेत्र में सिर्फ विकास की धारा बहेगी.