साहिबगंज :राजमहल थाने में आर्म्स एक्ट के मामले में रांची एयरपोर्ट इलाके से शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए साहिबगंज के पत्थर व्यवसायी मुंगेरी यादव को शनिवार को न्यायिक हिरासत में राजमहल उपकारा भेज दिया गया. इससे पहले कोरोना सहित अन्य जांच के बाद पुलिस ने मुंगेरी यादव को राजमहल व्यवहार न्यायालय में अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी हसीमुद्दीन वारिस की अदालत में पेश किया.
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सुरक्षा के थे कड़े इंतजामः मुंगेरी यादव की कोर्ट में पेशी के मद्देनजर शनिवार को राजमहल व्यवहार न्यायालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. व्यवहार न्यायालय में पुलिस निरीक्षक राजीव रंजन और अनुमंडलीय अस्पताल में थाना प्रभारी प्रणीत पटेल कमान संभाले थे, काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे. न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने के पूर्व मुंगेरी यादव का स्वास्थ्य परीक्षण अनुमंडलीय अस्पताल राजमहल में किया गया. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. उदय टुडू के नेतृत्व में चिकित्सकों के तीन सदस्यीय दल ने करीब तीन घंटे तक यादव के स्वास्थ्य जांच की. इस क्रम में ट्रुनेट के माध्यम से कोविड-19 सहित अन्य चिकित्सीय जांच की गई.
क्या है मामला :पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक15 जनवरी को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग तीन वाहनों में आ रहे हैं, उनके पास अवैध हथियार है. पुलिस ने पहुंची और कैलाश पोटरी के पास वाहनों को रोका. इस दौरान फार्च्यूनर कार से मुंगेरी यादव, बाढ़ पटना निवासी रणवीर कुमार और पंडारक पटना निवासी विजय यादव उतरे. विजय यादव ने अपने को मुंगेरी यादव का अंगरक्षक बताया, उसके पास राइफल और 80 एम के 40 कारतूस मिले.
दूसरे वाहन इनोवा से बिहारी बिगहा पटना के विक्रम कुमार, ईस्ट कालोनी पटना के राजीव कुमार, लभुआ बाग पटना के धर्मवीर यादव और पंडारक पटना के राजेश कुमार उतरे और तीसरे वाहन सफारी से बिहारी बिगहा पटना के धनंजय कुमार, ईस्ट कालोनी पटना के रोहित कुमार, धोलावरी पटना के शैलेंद्र कुमार यादव और बख्तियारपुर पटना के रंजीत कुमार उतरे. इनसे रायफल का लाइसेंस मांगे जाने पर आरोपियों ने उसकी फोटो प्रति दी. जांच होने तक रायफल और कारतूस जब्त कर रखा गया था और सभी लोगों को निजी मुचलके पर जाने दिया गया गया था.
जांच के क्रम में पाया गया कि जिस लाइसेंस की फोटो प्रति उन लोगों ने जमा कराई थी वह मूलतः दो नली बंदूक की थी और दो नली बंदूक के लाइसेंस पर एक नली रायफल लेकर घूमना संज्ञेय अपराध है. इससे सात मार्च 2022 को सभी 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई. 25 जुलाई 22 को मुंगेरी यादव के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट लिया गया और 29 जुलाई को पटना जाने के क्रम में उसे रांची एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया.
संथाल में पत्थर कारोबार में बड़ा नाम है मुंगेरी यादव
मुंगेरी यादव संथाल के क्षेत्र में पत्थर कारोबार में बड़ा नाम है, इन्हें वहां का पत्थर किंग भी कहा जाता है. ये जिले में सर्वाधिक राजस्व भी सरकार को देते हैं. साहिबगंज के जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र स्थित नेताजी सुभाष कालोनी के रहने वाले मुंगेरी यादव का दो साल पहले तक अपना जहाज चलता था. बताया जाता है कि पंकज मिश्रा ने अपने सहयोगी दाहू यादव के साथ मिलकर मुंगेरी यादव को व्यवसाय में बहुत चोट पहुंचाया. प्रशासन पर दबाव बनवाकर मुंगेरी यादव का खनन व जहाज परिचालन का काम बंद करवा दिया. खनन लीज भी रद्द करवा दी. इसके विरोध में मुंगेरी यादव हाई कोर्ट भी गए थे. हाई कोर्ट ने खनन व जहाज परिचालन का आदेश भी दे दिया था, इसके बावजूद मुंगेरी यादव का पत्थर खनन, परिवहन आदि बंद था. इन्हें भारी नुकसान भी पहुंचा है. यह भी सूचना है कि पंकज मिश्रा व उनके सहयोगियों ने मुंगेरी यादव पर करीब दर्जनभर से अधिक केस भी विभिन्न थानों में दर्ज करवा दी थी. अधिकतर मामलों में मुंगेरी यादव जमानत पर हैं. इधर, मुंगेरी ईडी के गवाह बन गए थे.