साहिबगंज: जिले में बाढ़ की वजह से विस्थापित परिवारों की दुर्गा पूजा फीकी पड़ गयी है. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी उन्हें नहीं मिल रहा है. वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. खाने को अनाज के दाने भी नहीं है. ऐसी परिस्थिति में दुर्गा पूजा मनाना और बच्चों के लिए नया वस्त्र खरीदना उनकी सोच से भी बाहर की बात है.
दो वक्त की रोटी के लिए पड़ रहा है तरसना
दशहरा की धूम पूरे भारतवर्ष में धुमधाम से मनाया जा रहा है. लोग इस पूजा को लेकर उत्सव मना रहे हैं, लेकिन बाढ़ पीड़ित इस पूजा से कोसों दूर हैं. उन्हें ना तो खाने की व्यवस्था है और ना ही सोने का ठिकाना. दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें तरसना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में पूजा मनाना उनके लिए संभव ही नहीं है. साहिबगंज में अभी भी दियरा इलाका में हजारों लोग बाढ़ की चपेट में हैं, साथ ही रामपुर दियरा बाढ़ की चपेट में आ चुका है. इस वजह से लोग घर छोड़कर दूसरे जगह पलायन कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-डांडिया और गरबा में जमकर थिरके लोग, बेस्ट कपल डांस और बेहतरीन ड्रेसिंग को किया गया सम्मानित