साहिबगंज: आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन हर साल गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. इस साल गुरु पूर्णिया 24 जुलाई को पड़ी है. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान करने का अलग ही महत्व है. इसके लिए साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं और स्नान कर पूजा करते हैं.
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क्या है मान्यता
धर्मशास्त्र के अनुसार यह मान्यता है कि गंगा स्नान कर गंगा का जल शिवलिंग पर चढ़ाने और श्रद्धा-सुमन अर्पित करने पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. जिनके गुरु नहीं हैं, ऐसे लोग भगवान शिव को अपना गुरु मानकर आज के दिन पूजा अर्चना करते हैं और उन्हें सुख शांति समृद्धि फल की प्राप्ति होती है.
मन्नत होती है पूरी
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान करने का भी एक अलग महत्व है. हर जगह उत्तरवाहिनी गंगा नहीं बहती हैं. झारखंड का साहिबगंज जिला एकमात्र स्थान माना जाता है, जहां राजमहल में उत्तरवाहिनी गंगा बहती हैं. आज के दिन दूर-दराज से श्रद्धालु इस अवसर पर स्नान करने के लिए यहां पहुंचते हैं. ऐसा माना जाता है कि उत्तरवाहिनी गंगा में पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है.
स्नान करने आए एक श्रद्धालु ने बताया कि हमारा सौभाग्य है कि साहिबगंज जिले में उत्तर वाहिनी गंगा बहती हैं. नसीब वाले को गंगा स्नान करने का मौका मिलता है. यदि कोई गंगा स्नान नहीं करता है और वह सिर्फ गंगा जल का आचमन कर लेता है तो वह शुद्ध हो जाता है. गंगा स्नान करने से 100 यज्ञ की फल की प्राप्ति होती है.