साहिबगंज: जिले के राजमहल पहाड़ी क्षेत्र के मंडरो प्रखंड स्थित तारा पहाड़ पर वर्षों पुराने बिखरे पड़े जीवाश्म की सुरक्षा अब भगवान भरोसे है. चारों ओर से खुले मैदान पर बिखरा पड़ा फोसिल्स अपनी परिस्थिति पर बेबस है. राजमहल पर्वत शृंखला के मंडरो प्रखंड क्षेत्र के भुतहा, वनचप्पा, धौकुट्टी में फॉसिल्स भरे पड़े हैं. कहा जाता है इन पहाड़ी क्षेत्रों में डाॅ विरवल सहानी ने 14 तरह के फॉसिल्स की पहचान की थी. पर अब इनका अस्तित्व खतरे में है, सुरक्षा व्यवस्था का घोर अभाव है.
विश्व स्तर पर नाम रोशन होकहा जाता है कि राजमहल की पहाड़ी आश्चर्यजनक जीवनदायनी वनस्पति औषधी और जीवाश्म से भरी पड़ी है. बीते समय में दूसरे राज्य से मंडरो प्रखंड के पहाड़ी से दवा बनाने के लिए जड़ी-बूटी लेने लोग आते थे. लेकिन इन क्षेत्रों में पत्थर खनन के कारण इनका अस्तित्व संकट में है. वनों की अंधाधुन कटाई और पत्थर के लिए लगातार खनन के कारण जीवन दायनी औषधी युक्त पहाड़ नष्ट हो रहे हैं. फिलहाल जिला प्रशासन, वन प्रमंडल पदाधिकारी और मंडरो वन क्षेत्र पदाधिकारी करोड़ों की लागत से फॉसिल्स की सुरक्षा के लिए चारदीवारी और सौंदर्यीकरण का काम करा रही है, ताकि लोग यहां पर घुमने आएं और मंडरो प्रखंड का विश्व स्तर पर नाम रोशन हो सके.
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पर्यटन स्थल के रूप में अब जाना जाएगा मंडरो का गर्मी पहाड़ स्थित फॉसिल पार्क
यहां पर टूरिस्ट के आगमन के लिए एक पार्क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. पार्क के बनने से लोगों को रोजगार का साधन मुहैया होगा. लेकिन तारा पहाड़ पर बिखरे पड़े फॉसिल्स का कब संरक्षण होगा यह अभी भगवान भरोसे है.
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क्या कहते हैं डीएफओ
वन प्रमंडल पदाधिकारी राज पलिवाल ने कहा कि फॉसिल्स पार्क के निर्माण से टूरिस्ट का आगमन होगा और मंडरो प्रखंड का नाम विश्व स्तर पर प्रचलित होगा. उन्होंने बताया कि यह पार्क लगभग एक साल के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा.