साहिबगंजः जिला में डेयरी प्लांट का शिलान्यास हुआ था. प्लांट के निर्माण के लिए सदर प्रखंड स्थित मुफस्सिल थाना के पास गौशाला की जमीन, जिला प्रशासन ने गौशाला से लीज करके 50 हजार प्रतिवर्ष किराए पर 50 साल के लिए मुहैया कराया है. इस प्लांट की कुल लागत 34 करोड़ है. क्षमता की बात की जाए तो प्रतिदिन 50 हजार टन से 1 लाख टन तक दूध की खपत हो सकती है. इस प्लांट का निर्माण अब अंतिम चरण में है. प्लांट बना रही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) जून महीना में जिला प्रशासन को हैंडओवर करने जा रही है.
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झारखंड का साहिबगंज जिला सुदरवर्ती और अत्यंत पिछड़ा की गिनती में आता है, क्योंकि रोजगार पाने के लिए कोई उद्योग नहीं है. इसलिए केंद्र सरकार ने इस जिला को आकांक्षी जिला घोषित कर प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन को विकास के लिए 50 करोड़ रुपया मुहैया कराती है ताकि यहां के लोगों का जीवनस्तर में सुधार हो. साहिबगंज के लोगों का मुख्य पेशा कृषि और मवेशी पालना है, 80% आबादी कृषि पर निर्भर है, खेती से काफी मात्रा में मवेशी के लिए चारा उपलब्ध हो जाता है. यही वजह है साहिबगंज में दुग्ध उत्पादन अधिक मात्रा में होता है.
जून महीना में होगा निर्माण कार्य समाप्त
6 अप्रैल 2017 को पीएम नरेंद्र मोदी ने साहिबगंज की धरती से इस डेयरी प्लांट का शिलान्यास किया था. प्लांट के निर्माण के लिए सदर प्रखंड स्थित मुफस्सिल थाना के पास गौशाला की जमीन, जिला प्रशासन ने गौशाला से लीज करके 50 हजार प्रतिवर्ष किराए पर 50 साल के लिए मुहैया कराया है. इस प्लांट की कुल लागत 34 करोड़ है. क्षमता की बात की जाय तो प्रतिदिन 50 हजार टन से 1 लाख टन तक दूध की खपत हो सकती है. इस प्लांट का निर्माण अब अंतिम चरण में है. बड़ी-बड़ी मशीनें आ चुकी हैं. प्लांट बना रही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) जून महीना में जिला प्रशासन को हैंडओवर करने जा रही है.