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सीएम ने त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसा को बताया दर्दनाक, कहा- ऑपरेशन को लेकर हमेशा हाई अलर्ट पर रहे आलाधिकारी - ऑपरेशन त्रिकूट

देवघर में त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे को लेकर तीन दिनों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. मंगलवार को 14 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि बचाव अभियान के दौरान गिरने से एक महिला की मौत हो गई. सोमवार को 32 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था और हादसे के दिन यानी रविवार को 15 सुरक्षित निकाला गया था. इस हादसे में कुल तीन की मौत हुई है.

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हेमंत सोरेन

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Published : Apr 12, 2022, 3:59 PM IST

साहिबगंजः त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने देवघर में इस हादसे को दर्दनाक बताया है. उन्होंने बताया कि रविवार को हादसा होने के बाद से मंगलवार दोपहर तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में रोपवे ट्रॉली में फंसे सभी लोगों को निकाल लिया गया है. जबकि इस दौरान कुल तीन मौतें हुईं हैं. रविवार को एक महिला की मौत हुई, सोमवार को दर्दनाक हादसे में हेलीकॉप्टर से एक व्यक्ति की गिरकर मौत हुई और मंगलवार को एक महिला की मौत राहत और बचाव कार्य के दौरान हो गयी.

इसे भी पढ़ें-63 लोगों को बचाने के लिए तीन दिनों तक चला ऑपरेशन, तीन की नहीं बचाई जा सकी जिंदगी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति दुख प्रकट किया और उनकी आत्मा की शांति की कामना की. साथ ही उन्होंने उनके परिजनों को ढांढस बंधाया. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने रोपवे हादसे में जख्मी हुए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की और उनके जल्द ठीक होने की कामना की. उन्होंने बताया कि त्रिकूट रेस्क्यू ऑपरेशन को सरकार हमेशा से तत्पर रही, हादसा होने के बाद से उन्होंने लगातार मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा था. इसके अलावा हादसे की रात 12 बजे भारत सरकार से संपर्क किया गया. जिसकी वजह से तत्परता के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन तेज किया गया. जिसमें एयरफोर्स और एनडीआरएफ की टीम के साथ साथ सेना के हेलीकॉप्टर्स की मदद ली जा सकी.

त्रिकूट रोपवे हादसे को सीएम ने बताया दर्दनाक

खत्म हुआ रेस्क्यू ऑपरेशनः त्रिकूट पर्वत रोपवे हादसे में फंसे लोगों को निकालने के लिए तीन दिनों तक ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान 60 लोग सुरक्षित निकाले गए, जबकि तीन लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी. सेना ने दो दिनों में 34 लोगों को रेस्क्यू किया, इस दौरान दो लोगों की मौत हुई, जिसमें एक महिला और एक पुरुष शामिल है. 11 अप्रैल को सुबह से एनडीआरएफ की टीम ने 11 जिंदगियां बचाईं, जिसमें एक छोटी बच्ची भी शामिल थी. इससे पहले हादसे के दिन 10 अप्रैल को रोपवे का मेंटिनेंस करने वाले पन्ना लाल ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से 15 लोगों को बचाया था, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

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