साहिबगंज: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मार्च महीने में अपने विधानसभा क्षेत्र बरहेट में मॉडल स्कूल का उद्घाटन करने पहुंचेंगे. हालांकि अभी आने की तिथि तय नहीं हुई है. शिक्षा विभाग के द्वारा इसकी तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. राज्य में 27 मॉडल स्कूल में से एक साहिबगंज के बरहेट मॉडल स्कूल को सीबीएसई और आवासीय का दर्जा मिला है. साथ ही साथ साहिबगंज के तीन स्कूल में भी सीबीएसई पाठ्यक्रम नए सत्र से शुरू करने की पहल शुरू की गई है. इन स्कूलों का भी मुख्यमंत्री जायजा लेंगे.
Model School in Jharkhand: बरहेट मॉडल स्कूल का सीएम करेंगे उद्घाटन, तीन आदर्श विद्यालय का भी लेंगे जायजा
झारखंड में जल्द ही सरकारी मॉडल स्कूल की शुरुआत हो जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसी महीने साहिबगंज के बरहेट में बने मॉडल स्कूल का उद्घाटन करेंगे. जिले के तीन और स्कूलों को शुरू होगी सीबीएसई पाठ्यक्रम.
बरहेट मॉडल स्कूल के साथ-साथ बीडी उच्च विद्यालय सकरीगली, पोखरिया कन्या स्कूल को आदर्श विद्यालय में बदलते हुए सीबीएसई का दर्जा दिया गया है. इन दोनों स्कूलों में नए सत्र से केजी-1 से 12 तक की पढ़ाई शुरू होगी. जिला में 9 कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में सिर्फ साहिबगंज सदर कस्तूरबा विद्यालय को सीबीएसई का दर्जा मिला है. इन चारों स्कूलों का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस महीने में जायजा लेंगे.
जिला शिक्षा अधीक्षक राजेश पासवान ने कहा कि जिला में छह स्कूलों में सीबीएसई का पाठ्यक्रम पर बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. पूर्व में सेंट्रल स्कूल एवं नवोदय स्कूल को सीबीएसई की मान्यता थी. इस बार नए सत्र से रेलवे स्कूल को भी सीबीएसई की मान्यता दी गई है. राज्य सरकार ने चार स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम चालू कराने के लिए नए सत्र से पहल की है. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मॉडल स्कूल बरहेट का उद्घाटन कर तीनों स्कूल का बहुत जल्द जायजा लेंगे. इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से हर दिन समीक्षा की जा रही है.
इन चारों स्कूल को आदर्श विद्यालय में घोषित किया गया है. जिसमें दो स्कूल में केजी वन से 12वीं तक पढ़ाई होगी. इन मॉडल स्कूलों में प्रयाप्त संख्या में शिक्षक शिक्षिका को बहाल करने के लिए वैकेंसी भी निकाला गई है. पीजीटी-टीजीटी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं से आवेदन लिया जा रहा है. जिसका 15 मार्च तक अंतिम तिथि है. इन स्कूल में निजी स्कूल के तर्ज पर पढ़ाई की जाएगी. शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है. आने वाले समय में अभिभावक अपने बच्चों का निजी स्कूल से नाम कटवा कर इन स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाएंगे. अभिभावक को आर्थिक रूप से मजबूती भी मिलेगी.