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सील बॉर्डर पर हकीकत जानने पहुंची ईटीवी भारत की टीम, सामने आया चौंकाने वाला सच

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Published : Jul 11, 2020, 7:32 PM IST

साहिबगंज में तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. अभी तक दो दर्जन से अधिक मरीज मिल जाने से जिला प्रशासन रेश हो चुका है. पूरे शहर को कंटेनमेंट और बफर जोन में तब्दील कर दिया गया है. बिहार और बंगाल के बॉर्डर को सील करने का आदेश भी जारी कर दिया गया है.

Awareness about corona virus on jharkhand-bihar border
सील बॉर्डर पर हकीकत जानने पहुंचा ईटीवी भारत

साहिबगंज: शुक्रवार को कोविड-19 के नॉडल पदाधिकारी सह उपायुक्त ने सहिबगंज से सटे बिहार और बंगाल बॉर्डर को सील करने का आदेश जारी किया है. साहिबगंज में किसी भी वाहन को इंट्री करने से पहले ई-पास दिखाना होगा. आने जाने वाले लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. लेकिन शनिवार की सुबह जब ईटीवी भारत की टीम झारखंड-बिहार बॉर्डर पर पहुंची तो हकीकत सामने आ गई.

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चूकि, बिहार के बॉर्डर से सटे भागलपुर में 16 जुलाई तक लॉकडाउन लगा हुआ है. बावजूद इसके धड़ल्ले से दोनों जिला से वाहन का आवागमन हो रहा है. किसी भी तरह का ई-पास की जांच नहीं हो रही है. बेरिकेडिंग की व्यवस्था भी नहीं की गई है. स्वास्थ्य जांच के लिए मजिस्टेट की नियुक्ति कर दी गयी है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी बॉर्डर पर नदारत हैं. बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने भी कहा कि कोई व्यवस्था नहीं है. किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हो रही है.

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धड़ल्ले से बिहार और यूपी से वाहन सहिबगंज में प्रवेश कर रहे हैं. बॉर्डर पर मौजूद स्थानीय लोगों ने कहा कि यही स्थिति रही तो सहिबगंज में कोरोना मरीजों की संख्या 100 होने में देरी नहीं होगी. मजिस्ट्रेट ने कहा कि यहां कोई स्वास्थ्यकर्मी होता तभी तो थर्मल स्कैनिंग होता.

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