साहिबगंज: जिले में करोड़ों की लागत से बना एएनएम प्रशिक्षण केंद्र अब शोभा की वस्तु बन चुकी है. इससे यहां की छात्राओं को तो लाभ नहीं मिला, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अपना गोदाम बनाकर लाभ जरूर उठा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन और राज्य सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है.
दरअसल, जिले में एएनएम प्रशिक्षण केंद्र खोलने की स्वीकृति साल 2011 में राज्य सरकार ने दी थी. तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू ने जिलेवासियों को एएनएम प्रशिक्षण केंद्र की सौगात दी थी ताकि जिले की होनहार लड़कियों को प्रशिक्षण मिले. लेकिन आज तक प्रशिक्षण केंद्र की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.
एएनएम भवन खंडहर में तब्दील
देखरेख के आभाव में यह भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. शुरुआती दौर में सिर्फ एक बार इसका रंगरोगन हुआ था. अभी हालत ऐसे हैं कि सभी खिड़कियों के शीशे टूट चुके हैं. एंट्री गेट की दीवार पर लिखा एएनएम आवासीय प्रशिक्षण केंद्र दिख नहीं रहा है. जिस उद्देश्य से यह एएनएम आवसीय प्रशिक्षण केंद्र खुला था, अपने उद्देश्य से भटक चुका है. आज इस सेंटर की शुरुआत हो गई होती तो शिक्षित, बेरोजगार युवतियां प्रशिक्षण लेकर रोजगार से जुड़ जातीं.
सरकार को है ध्यान देने की जरूरत
एएनएम छात्राओं का कहना है कि एएनएम का प्रशिक्षण लेने पड़ोसी राज्य बिहार या बंगाल जाना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. अभिभावक को घर से बाहर लड़कियों को पढ़ाने और प्रशिक्षण दिलवाने में खर्च भी अधिक पड़ता है. आज यह प्रशिक्षण केंद्र खुला रहता तो खर्च भी बचता और लड़कियां सुरक्षित भी रहतीं. जिला प्रशासन और राज्य सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है.
सीएम हेमंत सोरेन से अपील
स्थानीय लोगों का कहना है कि जेएमएम की सरकार में इस एएनएम प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन हुआ था और आज तक नहीं खुल पाया लेकिन दोबारा जेएमएम की सरकार बनी है. स्थानीय लोगों ने सीएम हेमंत सोरेन से अपील की है कि प्रशिक्षण केंद्र को जल्द से जल्द खुलवाया जाए. जिससे कि यहां की पढ़ी-लिखी लड़कियों को रोजगार का अवसर मिले. जिससे वह आत्मनिर्भर बन पाएगी.
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सिविल सर्जन डीएन सिंह ने कहा कि एएनएम प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन हुए सालों बीत गया लेकिन सरकार संसाधन की व्यवस्था करेगी तभी तो एएनएम प्रशिक्षण केंद्र चल पाएगा. जब तक सरकार इस दिशा में कुछ भी नहीं करेगी तब तक जिलास्तर पर कुछ भी नहीं कर सकते. हालांकि जिस मकसद से यह प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था वह पूरा होते नजर नहीं आ रहा है.