साहिबगंज:पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. इस योजना तहत सरकार उन बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ पढ़ाई का पूरा खर्च उठा रही है, जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता पिता खो दिए हैं. जेजे एक्ट (Juvenile Justice Act) के तहत इस तरह के बच्चे का नाम और माता पिता का नाम मीडिया में प्रकाशित करने की मनाही है, फिर भी ईटीवी भारत अपने दर्शकों को यह बताने का प्रयास कर रहा है कि साहिबगंज जिला में दो ऐसी बच्चियां है, जिन्हें इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने राशि भेज दी है. दोनों बच्चियों में एक की उम्र 14 साल तो दूसरी की उम्र महज 7 साल है. सरकार ने बड़ी बच्ची को 7 लाख 46 हजार और छोटी को 4 लाख 80 हजार 710 रुपया भेजा है.
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बालिग होने के बाद ही पैसे निकाल पाएगी बच्ची: साहिबगंज उपायुक्त रामनिवास यादव (Sahibganj DC) ने कहा कि यह राशि उम्र के हिसाब से दी जा रही है. योजना के तहत 18 साल तक उम्र के बच्चों 10 लाख ही मिलेगा, जो राशि दी जाएगी यह बच्ची 18 साल उम्र पार करने के बाद राशि निकाल पाएगी. योजना के तहत दी जाने वाली यह राशि उपायुक्त और बच्ची के संयुक्त रूप से पोस्ट ऑफिस में खोले गए खाते में जमा है. बच्ची के बालिग होने पर अगर वह इस राशि को निकालने का इच्छा जाहिर करती है तो उपायुक्त के आदेश के बाद निकाल पाएगी और अगर वह बच्ची 23 साल तक खाते में पैसे छोड़ देती है तो 18 साल के बाद उनको हर महीने ब्याज की राशि मिलना शुरू हो जाएगा.
क्या कहतीं हैं बाल संरक्षण पदाधिकारी: साहिबगंज जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने कहा कि केंद्र सरकार इस तरह की बच्ची की पढ़ाई का पूरा खर्च उठा रहे हैं. इस तरह की बच्ची को सेंट्रल स्कूल में एडमिशन कराने का पत्र प्राप्त हो चुका है. इस योजना में यह नियम है कि कोरोना काल में माता पिता की मृत्यु हो जाती है या माता-पिता में कोई एक किसी दूसरे वजह से पहले से मृत्यु हो गई हो और एक की मृत्यु कोरोना से हो गई हो तो इस अवस्था में इस तरह के बच्चे को लाभ दिया जाएगा. साहिबगंज में योजना का लाभ पाने वाली यह दोनों बच्चियां एक ही मां की है. कोविड काल में मां की डेथ हो गई थी और पिता की किसी दूसरे वजह से पहले ही मौत हो चुकी थी. बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनम कुमारी ने कहा कि इस तरह के बच्चे पूरी तरह से अनाथ हो गए हैं और उनकी देख रेख कोई दूसरा कर रहा है तो इस योजना के तहत उनके भरण पोषण, पढ़ाई-लिखाई और शादी ब्याह का खर्च सरकार उठा रही है. यह योजना इस साल के अंत तक है यदि इस तरह का मामला जिला में आता है तो विभाग से संपर्क कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.