साहिबगंज: आगामी झारखंड विधानसभा का चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने के आसार हैं. अभी से ही राजनीतिक पार्टियों की सरगर्मी तेज हो गई है. साहिबगंज में तीन विधानसभा में राजमहल, बोरियो और बरहेट आता है. 2014 के चुनाव में राजमहल और बोरियो विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. राजमहल विधायक अनंत ओझा अपने 5 साल कार्यकाल की उपलब्धि को गिनाते हुए नहीं थकते, तो दूसरी तरफ विपक्ष राजमहल विधानसभा क्षेत्र में कई खामियों को गिनाया और बीजेपी को घेरने की तैयारी में जुटा है.
विधायक ने गिनाई योजना
राजमल विधायक अनंत ओझा ने अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में साहिबगंज और राजमहल अनुमंडल में सड़कों का जाल बिछाया. खासमहल मुद्दे को खत्म किया. उन्होंने साहिबगंज में मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन सहित साहिबगंज जिले में पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण समेत कई योजनाओं को गिनाया.
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विपक्ष का निशाना
वहीं, कांग्रेस प्रदेश कमेटी के महासचिव ने कहा कि बीजेपी सरकार पूरी तरह फेल है. अभी साहिबगंज में बाढ़ की समस्या को लेकर हजारों लोग पीड़ित हैं. स्थानीय विधायक ने कोई ध्यान नहीं दिया. लोग स्थानीय विधायक से काफी दुखी हैं. विधायक सिर्फ सेल्फी और फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं. आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. महासचिव बजरंगी प्रसाद यादव ने कहा कि खासमहल को फ्री होल्ड कर दिया गया है. यह चुनावी स्टंट है. जनता को बरगलाने का काम कर रही है बीजेपी सरकार.
'वोट बैंक की राजनीति'
दूसरी तरफ जेएमएम नेता सरफराज आलम ने एनआरसी मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अपने 5 साल के कार्यकाल में सरकार ने एनआरसी का कोई मामला नहीं उठाया. लेकिन जैसे ही चुनाव आता है ये राजमहल में एनआरसी के मामले को उछाल देते हैं. यह बीजेपी सरकार की सोची समझी साजिश है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक के चलते लोगों को गोलबंद करना इनकी परंपरा रही है.
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'जनता की सुख-दुख से कोई मतलब नहीं'
साथ ही जेवीएम जिला अध्यक्ष राजकुमार यादव ने बाढ़ के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि बीजेपी के स्थानीय विधायक ने बाढ़ पीड़ितों को सही ढंग से राहत सामग्री नहीं दी. बाढ़ पीड़ितों क्षेत्रों का दौरा करते हुए इनको नहीं देखा गया. इनको यहां की जनता के सुख-दुख से कोई मतलब नहीं है.