रांची:अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन जीना तो वह है जब दूसरों के लिए जीए जाए. इस कहावत को सच कर रहे हैं फीडिंग इंडिया नाम से नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन चला रहे रांची के युवा. गरीब असहाय लोगों को भूखे ना सोना पड़े, इसके जुगाड़ में ये युवा लगे हुए हैं. खाने को लोगों तक पहुंचाने के लिए यह युवा टीम शहर के कई इलाकों में बचे खाने को रखने के लिए 'हैप्पी फ्रिज' भी लगा रहे हैं, जिसमें लोग खाने को रख सके और गरीबों को दो वक्त की रोटी नसीब हो सके. इसी कड़ी में शनिवार को पहाड़ी मंदिर के पास स्थित सरस्वती मंदिर प्रांगण में संस्था के सदस्यों ने एक 'हैप्पी फ्रीज' इंस्टॉल किया है.
पहले भी खोल चुके हैं हैप्पी फ्रीज
हैप्पी फ्रीज खोलने का इनका उद्देश्य है कि इसमें आसपास के लोग और पहाड़ी मंदिर आने वाले लोग बचे खाने को रख सके और उस खाने का इस्तेमाल गरीबों की भूख मिटाने के लिए किया जा सका. यह पहला मौका नहीं है जब इन युवाओं ने फ्रिज इंस्टॉल किया है, इसके पहले भी ये शहर के हिंदपीढ़ी और हरमू इलाके में हैप्पी फ्रिज इंस्टॉल कर चुके हैं.
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फूड वेस्ट मैनेजमेंट पर कर रही है काम
इनकी संस्था फीडिंग इंडिया पिछले 7 महीनों से गरीबों का भूख मिटाने की कोशिश कर रही है, जिसके आज 100 से ज्यादा सदस्य हैं. इन सदस्यों में से कई सदस्य तो कॉलेज के छात्र-छात्राएं हैं तो वहीं कई नौकरी-पेशा युवा भी इससे जुड़े हुए हैं. यह संस्था मिलकर फूड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम कर रही है. अपनी कोशिशों के बारे में टीम लीडर दीपशिखा ने बताया कि संस्था यह कोशिश कर रही है कि गरीब, असहाय, भूखे लोगों को दो वक्त की रोटी मिल सके और खाने की बर्बादी को रोका जा सके.
खाने की न करें बर्बादी
टीम के सदस्य शेखर प्रसाद बताते है कि झारखंड में बड़ी आबादी भूखे सोने को मजबूर हैं, खाना होने के बावजूद यह सही लोगों तक नहीं पहुंच पाता और बर्बाद होता है. इसलिए उनकी संस्था भूखे लोगों तक खाना पहुंचाने की कोशिश कर रही है. वहीं अदिति अनुराज कहती है कि लोग शादियों में तो खाना बर्बाद कर देते हैं लेकिन किसी गरीब तक वे पहुंचाते नहीं है, इसलिए हमारी संस्था यह काम कर रही है. युवाओं की यह पहल तो अच्छी है ही जरूरत है तो बस लोगों के सहयोग की ताकि सही में भूखमरी से राहत का सपना पूरा हो जाए.