रांची:झारखंड में कृषि ऋण माफी योजना को लेकर कई जिलों में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. सोमवार को रांची के मोरहाबादी स्थित राम कृष्ण मिशन ऑडिटोरियम और जमशेदपुर में भी उपायुक्त कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया. रांची में आयोजित कार्यशाला में उपायुक्त छवि रंजन, एसी राजेश बरवार, जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी शब्बीर अहमद, जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार, डीआईओ शिवचरण बनर्जी, अग्रणी बैंक प्रबंधक, बैंकर्स, सीएससी के डिस्ट्रिक मैनेजर, वीएलई, बैंकिंग काॅरोपोन्डेन्स मौजूद थे. कार्यशाला में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना का जिला में क्रियान्वयन को लेकर चर्चा की गई. पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से सभी को आवश्यक जानकारी दी गई.
टीम की तरह करना होगा काम: उपायुक्त
उपायुक्त छवि रंजन ने कहा झारखंड कृषि ऋण माफी योजना राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, हमलोगों को एक टीम की तरह काम करना होगा, इसमें बैंकर्स प्रज्ञा केन्द्र और फील्ड लेवल पर बीटीम और जनसेवक हैं, इनका कार्य महत्वपूर्ण है, बैंकर्स ऋण माफी के लिए योजना जो डेटा अपलोड करेंगे, वही मास्टर डेटा होगा, इसी आधार पर लाभ दिया जाएगा, योजना का लाभ लाभुकों को समय पर मिल सके इसके लिए एक टीम की तरह काम करना होगा.
ससमय पोर्टल पर अपलोड करें डेटा: उपायुक्त
कार्यशाला के दौरान उपायुक्त रांची छवि रंजन ने कहा कि योजना के लाभ के लिए किसानों के डेटा समय पर पोर्टल पर अपलोड करें. उन्होंने कहा कि लीडिंग बैंकों के साथ सभी बैंकों का रोल महत्वपूर्ण है, पहले भी आपलोगों ने अच्छा काम किया है, पूरी निपुणता, गंभीरता के साथ अपलोड करने से पहले डेटा चेक कर लें.
किसानों से उपायुक्त की अपील
किसानों से उपायुक्त ने कहा कि बैंक अकांउट को आधार से सीड करा लें, कुछ दिनों में ये डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा, उसके बाद प्रज्ञा केन्द्र पर जाकर किसान उनका डेटा है या नहीं, ये देख सकते हैं, किसी तरह की परेशानी होने पर शिकायत केन्द्र से संपर्क करें.
पैसे लेने की शिकायत आई तो होगी कार्रवाई
कार्यशाला के दौरान उपायुक्त ने कहा कि आवेदन देने वाले किसानों से एक रुपये सेवा शुल्क के तौर पर लिया जाएगा, वीएलई ये सुनिश्चित करें कि किसी तरह की शिकायत न आए, किसानों से पैसा मांगे जाने की शिकायत मिलने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उपायुक्त ने डीआईओ रांची को जिला के सभी आधार केन्द्रों की सूची, संपर्क और लोकेशन की जानकारी एनआईसी पर दिए जाने का निर्देश दिया, ताकि आधार में किसी तरह की सुधार की आवश्यकता होने पर जानकारी तत्काल मिल सके.