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Women's Day Special: राजधानी की निगेहबानी की जिम्मेवारी बेहतरीन तरीके से निभा रही महिला पुलिस - रांची खबर

राजधानी रांची की निगरानी महिला पुलिसकर्मियों के हाथों में है. इस जिम्मेवारी को महिला पुलिसकर्मी बड़े ही शानदार तरीके के साथ निभा रही हैं. आप किसी मुसीबत में है या फिर आपको तुरंत पुलिस की सहायता चाहिए तो जब भी आप डायल हंड्रेड में कॉल करेंगे तो आपको महिला के द्वारा ही त्वरित मदद पहुंचाई जाती है.

Womens Day Special, Women policemen are performing important responsibility in Ranchi
Womens Day Special, Women policemen are performing important responsibility in Ranchi

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Published : Mar 8, 2022, 6:07 AM IST

रांची:अमूमन जब किसी बड़े काम की जिम्मेवारी की बात आती है तो महिलाओं को नाजुक समझकर उन्हें पंक्ति में अंतिम छोर पर भेज दिया जाता था. लेकिन अब यह बात पुरानी हो चुकी है. नए दौर में महिलाएं पुरुषों के काम में भी उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं. राजधानी रांची में तो पुलिस के द्वारा होने वाली शहर की पूरी मॉनिटरिंग सिस्टम को ही महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है. रांची के कचहरी चौकी स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में शिफ्ट वाइज महिला पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन तरीके से निभा रही हैं.

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क्या क्या है जिम्मेवारियां:पुलिस कंट्रोल रूम में एक सीट में 25 से अधिक महिला पुलिसकर्मी काम करती हैं. केवल रात के समय इसकी संख्या कम की जाती है. सब की जिम्मेवारी अलग-अलग है. सबसे महत्वपूर्ण कार्य डायल हंड्रेड में आने वाली सूचनाओं को लेकर पीसीआर और टाइगर जवानों को सूचना देना है ताकि जो लोग मदद के लिए फोन करते हैं उन्हें सही समय पर सहायता पहुंचाई जा सके. वहीं दूसरी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सीसीटीवी फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करना है. इस दौरान सड़क हादसे हों या फिर कोई और घटना अगर वह सीसीटीवी में नजर आता है तो नजदीकी थाने को महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा त्वरित सूचना दी जाती है. इसके अलावा महिला पुलिस कर्मियों के जिम्में ही शहर में गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों पर नजर रखना है. अगर वह एक ही जगह काफी देर तक खड़े रहते हैं, तो उन्हें महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा तुरंत मूव करने को कहा जाता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

दरअसल, यह पुलिस कंट्रोल रूम 24 घंटे तक एक्टिव रहता है. सीसीटीवी कैमरा के मॉनिटरिंग सिस्टम भी नहीं लगा हुआ है. इसके अलावा डायल हंड्रेड के द्वारा आने वाली सभी शिकायतें यहीं आती है और इतने मुश्किल भरे कामों को महिला पुलिसकर्मी लंबे समय से बेहद आसान तरीके से निभाते आ रही है. महिला पुलिसकर्मियों के अनुसार वे कॉल को लेकर हमेशा तत्पर रहती है क्योंकि ना जानें कौन किस मुसीबत में हो और मदद के लिए पुकार रहा हो.

लॉक डाउन में भी मिली थी मदद: पिछले वर्ष जब झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन लगा था तब डायल 100 डायल के जरिए पुलिस वालों ने आम लोगों की जमकर मदद की थी. डायल 100 में जैसे ही कोई मदद के लिए पुलिस से गुहार लगी थी. पुलिस तुरंत उसकी मदद करती थी, डायल हंड्रेड के जरिए शिकायतें तो कई तरह की आती है अपराध से लेकर कई दूसरे मामलों को लेकर भी, लेकिन लॉकडाउन में इलाज और दवा को लेकर लगातार कॉल्स आते थे.

कंट्रोल रूम में काम करतीं महिला पुलिसकर्मी

ट्रैफिक चालान की जिम्मेवारी: पुलिस कंट्रोल रूम से ही ऑनलाइन ट्रैफिक चालान जेनरेट होता है. ऐसे में महिला पुलिस कर्मियों की नजर कंप्यूटर पर लगातार जमी रहती है. जैसे ही कोई ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करता है, उसके नंबर को चिन्हित कर महिला पुलिसकर्मी उन्हें ऑनलाइन चालान काटने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट के पास भेज देती हैं. इसके अलावा जीपीएस लगे सभी पुलिस वाहनों की मॉनिटरिंग का काम भी महिला पुलिसकर्मियों के जिम्मे ही है.

कुल मिलाकर कहा जाए तो राजधानी रांची की पूरी जिम्मेवारी महिला पुलिसकर्मी बड़े ही प्रोफेशनल तरीके से निभा रही हैं. आज तक ऐसा कभी भी नहीं हुआ जब सीनियर अफसरों तक यह शिकायत पहुंची हो कि डायल 100 के जरिए उन्हें तुरंत रिस्पांस नहीं मिला.

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