झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, पिता की संपत्ति पर बेटियों का बराबर का हक, जानिए प्रतिक्रिया - उच्चतम न्यायालय

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बेटियों के पक्ष में फिर बड़ा फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पिता की संपत्ति में बेटियों को बराबर का हिस्सा है. इससे झारखंड की महिलाओं में उत्साह है. महिलाओं का कहना है कि कोर्ट के इस फैसले से हम बेटियों को अधिकार के साथ-साथ सम्मान भी मिल सकेगा.

Women react to Supreme Court decision on property rights
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

By

Published : Aug 11, 2020, 6:54 PM IST

Updated : Aug 11, 2020, 7:02 PM IST

रांची: बेटियों के पक्ष में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने एक बड़ा फैसला सुनाया. अदालत ने एक बार फिर दोहराया कि पिता की संपत्ति में बेटियों का भी बराबर का हक है. शीर्ष न्यायालय के इस फैसले का झारखंड की बेटियों ने स्वागत किया है. अधिकतर महिलाओं और युवतियों का कहना था कि इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे. इससे समाज में लैंगिक भेदभाव में कमी आएगी.

देखें महिलाओं की प्रतिक्रिया


बेटियों ने किया शीर्ष न्यायालय के फैसले का स्वागत
राजधानी रांची की रहने वाली वीना शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हम दिल से स्वागत करते हैं, क्योंकि पहले के समय में यह माना जाता था कि बेटी के विवाह के बाद उसका पिता की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता, जिस वजह से कई बार बेटियों को उचित सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जो फैसला लिया है, इससे हम बेटियों को अधिकार के साथ-साथ सम्मान भी मिलेगा. इससे समाज में लैंगिक भेदभाव में कमी आएगी.


महिलाओं ने फैसले को सराहा
रांची में व्यवसाय कर रही नीलू गुप्ता कहती हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम बहुत खुश हैं. समाज में बेटा और बेटी दोनों बराबर हैं, लेकिन रूढ़िवाद विचार की वजह से पिता के घर में बेटियों को उचित सम्मान नहीं मिल रहा था. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद बेटियों को अधिकार के साथ सम्मान भी मिलेगा. वहीं पुष्पा कुमारी बताती हैं कि अमूमन यही माना जाता था कि बेटी की शादी होने के बाद पिता की संपत्ति से उसका अधिकार समाप्त हो गया है और ससुराल की संपत्ति से वह अपना जीवन यापन करेंगी, जिससे कि कई बार बेटियों को अधिक दिक्कत होती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से बेटियों का मनोबल बढ़ा है.

इसे भी पढ़ें:- CM और गवर्नर ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की दी बधाई, क्रांतिकारी खुदीराम बोस को भी किया याद

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का महिलाओं ने स्वागत करते हुए कहा कि अब ससुराल पक्ष की तरफ से घेरलू हिंसा की शिकार हो रही महिलाओं का भी मनोबल ऊंचा होगा, क्योंकि पहले हम महिलाएं ये सोच कर चुप रह जाती थीं कि ससुराल के अलावा हमारा कोई नहीं है, लेकिन अब पिता की संपत्ति में अधिकार मिलने से महिलाओं को यह विश्वास रहेगा कि अगर हमें कोई देखने वाला नहीं मिलता है तो कम से कम पिता की संपति पर अपना जीवन यापन कर सकती हैं.

Last Updated : Aug 11, 2020, 7:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details