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Jharkhand News: झारखंड में संविदा पर कार्यरत महिला कर्मियों को मिलेगा मातृत्व अवकाश, सीएम हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी - कर्मचारी महासंघ के सचिव मृत्युंजय कुमार झा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की महिला संविदा कर्मियों को बड़ी राहत दी है. अब राज्य सरकार की महिला कर्मियों की तरह संविदा पर कार्य करने वाली महिला कर्मियों को भी मातृत्व अवकाश का लाभ देने की मंजूरी प्रदान की गई है.

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Women Contract Workers Will Get Maternity Leave

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Published : Jul 5, 2023, 2:52 PM IST

रांची: झारखंड में संविदा पर कार्यरत महिला कर्मियों को भी अब मातृत्व अवकाश मिलेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान कर दी है. जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि संविदा पर नियुक्त महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश का प्रावधान नहीं था. इस वजह से महिला कर्मियों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ती थी. सरकार के इस निर्णय से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत महिला कर्मियों के लिए बड़ी राहत मिली है.

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180 दिनों का मिलेगा मातृत्व अवकाश:राज्य सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार वैसी महिला कर्मी जो पिछले 12 महीनों में 80 दिनों तक संविदा पर कार्य कर चुकी हैं उन्हें सरकार की ओर से 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलेगा. यह अवकाश दो जीवित संतान के बाद हुई डिलिवरी पर लागू नहीं होगा. मुख्यमंत्री द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार मेटरनिटी लीव के लिए संविदा राशि छुट्टी पर जाने से पहले मिले अंतिम संविदा राशि के बराबर होगी. सरकार के इस निर्णय का स्वागत झारखंड राज्य कर्मचारी महासंघ के सचिव मृत्युंजय कुमार झा ने किया है.

सरकार के निर्णय से महिला संविदा कर्मियों को मिलेगी राहतः मृत्युंजय कुमार झा ने कहा कि लंबे समय से यह मांग की जा रही थी. सरकार ने आखिरकार यह निर्णय लेकर वैसी महिला कर्मियों को बड़ी राहत दी है जो संविदा पर कार्यरत हैं और उन्हें मातृत्व अवकाश नहीं मिलता था. झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में तृतीय और चतुर्थ वर्ग में संविदा पर महिला कर्मी कार्यरत हैं. इनमें सर्वाधिक संख्या होमगार्ड महिला जवानों की है, जो सुरक्षा कार्य से जुड़ी हैं. इन महिलाओं के लिए सरकार का यह निर्णय वाकई में लाभदायक है. महिला सरकारी कर्मी को पहले से यह सुविधा प्राप्त थी, लेकिन संविदा पर कार्यरत महिलाओं को यह सुविधा नहीं थी.

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