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झारखंड के लिए कल का दिन खास, क्या इस्तीफा देने की तैयारी में हैं सीएम, विधायकों की बैठक के मायने?

JMM legislative party meeting. झारखंड के लिए बुधवार का दिन खास है. हेमंत सोरेन ने विधायक दल की बैठक बुलाई है. ऐसे में क्या हेमंत सोरेन इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं या फिर कुछ और...

JMM legislative party meeting
JMM legislative party meeting

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 2, 2024, 8:24 PM IST

Updated : Jan 2, 2024, 9:03 PM IST

रांची: झारखंड में सियासी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आम लोग यह जानना चाह रहे हैं कि अब आगे क्या होने वाला है. क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कल इस्तीफा देने वाले हैं. क्या उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनने वाली हैं. सीएम हेमंत सोरेन ने अचानक 3 जनवरी को अपने आवास पर सत्ताधारी दलों के विधायकों की बैठक क्यों बुलाई है. लैंड स्कैम मामले में ईडी के सातवें और अंतिम समन का जवाब देकर सीएम क्या बताना चाह रहे हैं. आखिर सरफराज अहमद ने गांडेय सीट क्यों छोड़ दी. अब ईडी के पास क्या विकल्प होगा.

वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्रा का कहना है कि विधायक दल की बैठक बुलाने का मतलब यह नहीं है कि कल मुख्यमंत्री इस्तीफा ही दे दें. पूरा खेल इस बात पर निर्भर करेगा कि ईडी क्या स्टैंड लेती है. उनका मानना है कि सीएम अब विधायक दल की बैठक में वस्तुस्थिति रखेंगे. ईडी क्या कार्रवाई कर सकती है, उसका क्या प्रभाव पड़ेगा, सरकार को बचाने के लिए क्या करना चाहिए, इस बातों का जिक्र करते हुए विधायकों का मनोभाव टटोलना चाहेंगे.

उन्होंने कहा कि सीएम बताएंगे कि अगर मैं ईडी को फेस करुं और अगर मेरी गिरफ्तारी की नौबत आ जाए तो मुझे क्या करना चाहिए. सरकार बचाने और चलाने के लिए कौन सा विकल्प अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हेमंत चाहेंगे कि कल्पना सोरेन को विधायक दल के नेता के रुप में चुन लिया जाए. इस प्रस्ताव पर विधायकों का हस्ताक्षर भी लिया जा सकता है. ताकि जरुरत पड़ने पर राज्यपाल के सामने दावा पेश कर दिया जाए. लेकिन इस प्लान को डिस्क्लोज नहीं करना चाहेंगे.

वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्रा का मानना है कि सीएम चाहेंगे कि वह अरेस्ट हो जाएं. इससे उनको सिम्पैथी मिलेगी. अगर ईडी गिरफ्तार नहीं करती है और पूछताछ करके छोड़ देती है तो साफ हो जाएगा कि यह मामला कानूनी रुप से ही आगे बढ़ेगा. ईडी अगर चार्जशीट करती है तो कानूनी प्रक्रिया शुरु हो जाएगी. अब देखना है कि गवर्नर क्या स्टैंड लेते हैं. अगर चुनाव आयोग का लिफाफा खुलता है और उनको डिस्क्वालिफाई कर दिया जाता है तो तस्वीर अलग बनेगी. इन तमाम समीकरणों पर चर्चा हो सकती है. यह पूरा खेल विधायकों को विश्वास में लेने का है. कल की बैठक से यह भी पता चल जाएगा कि कितने विधायक आ रहे हैं.

वरिष्ठ पत्रकार मधुकर का मानना है कि मीडिया हाईप में भी भय होता है. तीन राज्यों में चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी के लिए झारखंड सबसे बड़ा चैलेंज है. चुनाव आयोग की चिट्ठी अभी तक बंद है. महाराष्ट्र में यही फंडा अपनाया गया था. लेकिन हेमंत के साथ दिक्कत है कि अगर भाजपा के पाले में जाते हैं तो वोट बैंक का नुकसान होगा. कड़िया मुंडा जी ने जिस तरह से आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मामला उठाया है, उससे हेमंत को नुकसान होने की आशंका है. मुझे नहीं लगता है भाजपा आर-पार वाली स्टेप उठाएगी. भाजपा बखूबी समझती है कि अगर हार्ड स्टेप लिया जाता है तो हेमंत सोरेन के प्रति सहानुभूति बढ़ जाएगी. याद करिए कि जब चुनाव आयोग की चिट्ठी आई थी, तब भी उन्होंने विधायक दल की बैठक बुलायी थी. जहां तक ईडी की बात है तो वह कोर्ट का रुख करेगी. अभी जो भी कवायद चल रही है वह संभावित परिस्थिति से निपटने को लेकर की जा रही है. इसी वजह से गांडेय सीट को खाली कराया गया है.

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Last Updated : Jan 2, 2024, 9:03 PM IST

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