ग्वालियर।हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपना चुके सिटी सेंटर क्षेत्र के धीरेंद्र प्रताप के खिलाफ जिला और पुलिस प्रशासन को दिए गए आवेदन में फिलहाल उसकी पत्नी ने अपने पति के साथ रहने की इच्छा जाहिर की है. महिला ने यह भी कहा है कि वह अपने पति के दबाव में नहीं है. धीरेंद्र प्रताप की भांजी श्वेता सुमन ने पुलिस में दिए गए आवेदन में आरोप लगाया था कि धीरेंद्र ने अपनी मां यानी सरोज देवी पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया था. वहीं अपनी पत्नी पर भी धीरेंद्र ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रखा है.
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दो जून को हुई थी मौत
गौरतलब है कि सरोज देवी की दो जून को मौत हो गई थी. उनकी मौत के बाद दो दिन तक उनके शव को सिर्फ इसलिए अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया क्योंकि धीरेंद्र अपनी मां का ईसाई धर्म के अनुरूप अंतिम संस्कार कराना चाहता था जबकि मृतिका सरोज देवी की नातिन श्वेता हिंदू धर्म के अनुसार अपनी नानी का अंतिम संस्कार करने की जिद पर अड़ी थी. आखिरकार उसे 1000 से ज्यादा किलोमीटर की यात्रा करके ग्वालियर पहुंचना पड़ा.
हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार
श्वेता बोकारो झारखंड में रहती हैं. पिछले महीने ही अपनी मां यानी सरोज देवी की बेटी का कोरोना वायरस से निधन हो गया था. श्वेता ने ग्वालियर पहुंचकर चार जून को अपने नानी का हिंदू रिवाज से अंतिम संस्कार लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में किया. इस मौके पर हिंदू संगठनों के लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे. इस दौरान श्वेता ने जिला और पुलिस प्रशासन को एक आवेदन भी सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि धीरेंद्र ने अपनी मां सरोज देवी के साथ मारपीट भी की थी. सरोज देवी ने ही उसे दो जून को झारखंड फोन करके घटना की जानकारी दी थी.