रांची: सुखदेव सिंह को मुख्य सचिव के पद से अचानक हटाए जाने के बाद झारखंड के प्रशासनिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. सभी जानना चाह रहे हैं कि आखिर सुखदेव सिंह को हटाने की वजह क्या रही होगी. इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि सुखदेव सिंह को सोरेन परिवार का बेहद करीबी माना जाता है.
जब शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने थे, तब सुखदेव सिंह ही उनके प्रधान सचिव थे. 2014 में कांग्रेस के समर्थन से जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने थे, तब भी सुखदेव सिंह ही उनके प्रधान सचिव थे. इसके अलावा वह मधुकोड़ा के मुख्यमंत्रित्वकाल में भी प्रधान सचिव रह चुके हैं. झारखंड के प्रशासनिक गलियारे में सुखदेव सिंह की हमेशा से एक अलग पहचान रही है. उनको एक स्पष्टवादी अधिकारी के रुप में जाना जाता है. वह वित्त विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं.
सुखदेव सिंह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 4 साल पहले उन्होंने डीके तिवारी के रिटायर होने के बाद राज्य के 23वें मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी. वह अगले साल 31 मार्च को रिटायर होने वाले हैं. अब वह शायद ही प्रोजेक्ट भवन में नजर आएं. क्योंकि उनको श्रीकृष्ष लोक सेवा प्रशिक्षण संस्थान का महानिदेशक बना दिया गया है. यह संस्थान कांके रोड में सूचना भवन के पास है.
सबसे खास बात है कि 1987 बैच के जिस एल खिलांग्ते को मुख्य सचिव बनाया गया है, वह मिजोरम के मूल निवासी हैं और जनजाति समुदाय से आते हैं. लिहाजा, सीएम हेमंत सोरेन की टीम में जनजाति कोटे के एक और अधिकारी का नाम जुड़ गया है. फिलहाल सीएम की प्रधान सचिव वंदना दादेल हैं. उनसे पहले राजीव अरुण एक्का थे, जिनको एक वीडियो वायरल होने के बाद हटा दिया गया था.
झारखंड के 24वें मुख्य सचिव बने एल खियांग्ते 1987 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं. उनका जन्म 26 अक्टूबर 1964 को हुआ था. वह 31 अक्टूबर 2024 को रिटायर होंगे. उनके बैच के दो आईएएस ऑफिसर है जिनमें अरुण कुमार सिंह इसी साल 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं जबकि अलका तिवारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. एल खियांग्ते से सीनियरिटी के मामले में झारखंड कैडर के एनएन सिन्हा 1987 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं लेकिन वह भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं.