जानकारी देते मौसम वैज्ञानिक रांची: मौसम केंद्र रांची ने अपने ताजा मौसम अपडेट में चिंता बढ़ाने वाला पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम केंद्र निदेशक ने पिछले 24 घंटों में राज्य हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की जानकारी देने के साथ साथ कहा कि 25 जुलाई तक राज्य में वर्षापात में कमी की संभावना जताई है.
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यह पूर्वानुमान इस मायने में ज्यादा चिंताजनक है कि अभी राज्य के 24 में से 03 जिलों में ही सामान्य मानसूनी वर्षा हुई है. 17 जिले में सामान्य से कम और 04 जिलों में बहुत ही कम वर्षा रिकॉर्ड हुई है. पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा सरायकेला खरसावां के गम्हरिया में 74.7 एमएम रिकॉर्ड किया गया है जबकि इस दौरान उच्चतम तापमान गोड्डा का 35.7 डिग्री रहा है.
किस वजह से झारखंड में होगी अगले पांच दिनों तक कम बारिशः रांची मौसम केंद्र के प्रभारी निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया कि मानसून टर्फ लाइन झारखंड के दक्षिण से गुजर रहा है. वहीं एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के पास समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर बना हुआ है. यह गुरुवार तक तक लो प्रेशर में तब्दील हो जाएगा.
मौसम केंद्र के अनुसार, यह उत्तर मध्य, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के तरफ लो प्रेशर में तब्दील हो रहा है. झारखंड से इसकी दूरी ज्यादा होने की वजह से इस सिस्टम का झारखंड के ऊपर प्रभाव पड़ने की संभावना बेहद कम है. मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार पहले यह उम्मीद थी कि इसकी दिशा झारखंड के करीब होगी और इसकी वजह से अच्छी वर्षा होगी. लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए अब इसका प्रभाव न के बराबर राज्य के ऊपर पड़ेगा. इसी वजह से राज्य में 25 जुलाई तक वर्षापात में कमी आने की संभावना है. मौसम केंद्र के अनुसार 20-21 जुलाई को राज्य में कहीं कहीं हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है. 22 से 25 जुलाई तक राज्य में कुछेक स्थानों पर हल्की वर्षा होगी.
अब तक राज्य में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिशः रांची मौसम केंद्र के अनुसार राज्य में अभी तक सामान्य से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है. अलग-अलग जिलों से मिले आंकड़े के अनुसार राज्य में 214.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है जबकि इस समय तक 380.6 मिलीमीटर बारिश होना चाहिए था. मौसम केंद्र के निदेशक ने कहा कि चिंता की बात यह है कि अगले कुछ दिनों तक वर्षापात में कमी की वजह से स्थिति और खराब होगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि 25 जुलाई के बाद राज्य में अच्छी वर्षा की स्थिति बनें और अच्छी वर्षा इस कमी को दूर कर दे.