जानकारी देते संवाददाता उपेंद्र कुमार रांची: राजधानी रांची के केंद्र में स्थित बड़ा तालाब जिसे विवेकानंद सरोवर का नाम दिया है वह पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है. यहां हर दिन छह नालों से बिना ट्रीटमेंट के हजारों लीटर गंदा पानी छोड़ा जाता है. गर्मी बढ़ने के साथ ही तालाब के पानी का रंग पूरी तरह हरा हो गया है. इसके साथ ही पानी में दुर्गंघ इतनी बढ़ गई है कि वहां आसपास रहना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है.
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रांची का बड़ा तालाब पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है. इसका प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि अब ग्राउंड वाटर भी गंदा हो रहा है. तालाब की गंदगी से आसपास के इलाकों में कुएं का पानी भी गंदा हो चुका है. इसके अलावा कई ऐसे हैंडपंप हैं जिससे अब गंदा पानी निकलता है. रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के प्रोफेसर डॉ नीतीश प्रियदर्शी कहते हैं कि लंबे दिनों तक यही स्थिति रही तो तालाब के आसपास के बड़े भूभाग में ग्राउंड वाटर के प्रदूषित हो सकती है. डॉ नीतीश प्रियदर्शी कहते हैं कि जब तक नाले के पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ कर तालाब में गिराने की व्यवस्था नहीं होती, तब तक विवेकानंद सरोवर को प्रदूषण मुक्त बनाए रखना संभव नहीं है.
डॉ नीतीश प्रियदर्शी, भूगर्भशास्त्री, रांची विवि. तेज दुर्गंध और मच्छर से आसपास के लोग परेशान:विवेकानंद सरोवर के आसपास के रहने वाले अनिल कुमार, मुन्नी कुजूर, सुनीता लिंडा कहती हैं कि तालाब का दुर्गंध ऐसा है कि उनका वहां रहना मुश्किल हो रहा है. विवेकानंद सरोवर (बड़ा तालाब) को बचाने के लिए स्थानीय लोग रविवार 20 मई को बड़ा तालाब के पास ही सत्याग्रह करने की योजना बनाई है. क्योंकि उन्हें डर इस बात का भी है कि अगर प्रदूषित तालाब की वजह से आसपास के इलाके का ग्राउंड वाटर प्रदूषित हो गया तो फिर उन्हें भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा.