रांची: मांडर उपचुनाव का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. सुबह से मतदान केन्द्रों पर वोट डालने के लिए लोगों की भीड़ देखी गई. इसके बाबजूद वोटिंग प्रतिशत पिछले तीन विधानसभा चुनाव की तूलना में काफी कम रहा. मांडर विधानसभा क्षेत्र के कुल 3,49,218 मतदाताओं में 1,76,526 पुरुष, 1,72,686 महिला एवं 6 थर्डजेंडर मतदाता हैं. उपचुनाव के दौरान मांडर विधानसभा क्षेत्र में अपराह्न 4 बजे तक 60.05% अनुमानित मतदान प्रतिशत रहा.
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चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2009 के विधानसभा चुनाव में 60.69%, 2014 के विधानसभा चुनाव में 66.31% और 2019 के विधानसभा चुनाव में 67.88% मतदान हुए थे. बहरहाल अपना मत देकर मांडर विधानसभा के मतदाताओं ने इस चुनाव में खड़े 14 उम्मीदवारों के भाग्य को ईवीएम में कैद कर दिया है जिसका फैसला 26 जून को कॉउटिंग के बाद होगा. सबसे खास बात यह कि निर्वाचन आयोग शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान कराने में सफल रहा. मतदान के दौरान किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
मॉडल मतदान केन्द्र रहा आकर्षण का केन्द्र:मांडर उपचुनाव में कुल 433 मतदान केंद्रों में आयोग द्वारा 35 मॉडल मतदान केंद्र बनाए गए थे. इसके अतिरिक्त 38 ऐसे मतदान केंद्र चिन्हित किए गए थे जहां पर्दानशीं महिलाओं की संख्या अधिक थी, जिसके कारण इन केंद्रों पर एक महिला मतदान पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी. मतदाताओं की जागरूकता एवं सहयोग के लिए भी आयोग द्वारा कार्य किये गए. मतदान के दौरान डीसी छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा खुद कई बूथों पर जाकर निरीक्षण करते देखे गये.
संवेदनशील बूथों पर केन्द्रीय बल और जैप के जवान तैनात दिखे. उपचुनाव में आयोग द्वारा दिव्यांग मतदाताओं हेतु 484 वॉलिंटियर, 65 व्हीलचेयर एवं 25 वाहनों का इंतजाम किया गया था. इस उपचुनाव में 3,035 दिव्यांग मतदाताओं एवं 80 वर्ष से अधिक उम्र के 2,845 मतदातओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग मतदान केंद्र पर तथा 747 ने डाकपत्र के माध्यम से किया. चुनावी प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग की कड़ी नजर आदर्श आचार संहिता के अनुपालन पर रहा. इस प्रक्रिया में 10,000 रुपये सहित 1,33,228 रुपये की अवैध शराब और 14,10,000 रुपये मूल्य की अन्य सामग्री जप्त की गई.