रांची: झारखंड परिवहन विभाग (Transport Department of Jharkhand) की उदासीन कार्य प्रणाली हमेशा ही चर्चा में रहती है. राजधानी में इसका प्रमाण भी आए दिन देखने को मिलता है. कभी बिना परमिट की चल रहे वाहन तो कभी प्रशासन के नाक के नीचे परमिट के नियमों की धज्जियां उड़ते (Violation of permit rules in ranchi) देखने को मिलती है.
झारखंड में परमिट नियमों की उड़ रही धज्जियां, स्टैंड नहीं सड़क किनारे पार्क होती हैं बसें
रांची में चलने वाले व्यावसायिक वाहन परमिट नियमों की धज्जिया उड़ा रहे(Violation of permit rules in ranchi) हैं. अधिकतर बसें निर्धारित स्टैंड को छोड़कर इधर-उधर पार्क किए जा रहे हैं. जिससे लोगों को परेशानी तो हो ही रही है, साथ ही राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.
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इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब बोकारो से चलने वाली बसें खादगढ़ा बस स्टैंड की जगह बूटी मोड़ में ही पार्किंग की जा रही हैं. जबकि सभी गाड़ियों को खादगढ़ा बस स्टैंड के अंदर पार्किंग करने का आदेश जिला प्रशासन की तरफ से दिया गया है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया तो हमने देखा कि बोकारो से चलने वाली कई गाड़ियां खादगढ़ा बस स्टैंड की जगह बूटी मोड़ में ही रुक जा रही है. जिस वजह से अन्य वाहन चालकों को दिक्कत आ रही है.
बोकारो से रांची चलने वाली रानी ट्रेवल के संचालक मंतोष सोरेन बताते हैं कि परिवहन विभाग की तरफ से जितनी भी गाड़ियां दूसरे जिले से रांची पहुंची है. उसका गंतव्य स्थान खादगढ़ा बस स्टैंड या फिर आईटीआई बस स्टैंड होता है लेकिन इसके बावजूद बोकारो के फुसरो से चलने वाले विश्वजीत ट्रैवल, विक्की ट्रैवल और अन्य वाहन बूटी मोड़ में रुक जाते हैं. जिस वजह खादगढ़ा बस स्टैंड से चलने वाली गाड़ियों को पैसेंजर नहीं मिलता है.
जो गाड़ियां खादगढ़ा बस स्टैंड जा रही हैं वह गाड़ियां स्टैंड का किराया भी भुगतान करती है और उन्हें पैसेंजर भी नहीं मिल पाता है क्योंकि खादगढ़ा बस स्टैंड से बूटी मोड़ आने तक जितना समय लगता है उससे कम देर में लोग बूटी मोड़ पहुंच कर वहां खड़ी गाड़ियों में बैठ जाते हैं. यदि इन गाड़ियों को खादगढ़ा बस स्टैंड में पार्क किया जाए तो सभी गाड़ियों को पैसेंजर भी मिलेंगे औरर बस मालिकों को आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा.
इसको लेकर ईटीवी भारत ने जब जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश से बात की तो उन्होंने कहा कि कई बार वाहन चालक निजी लाभ और टाइम बचाने के लिए बस स्टैंड नहीं पहुंचते, क्योंकि राजधानी के बस स्टैंड शहर के बीचोबीच हैं. ऐसे में भाड़ी वाहन शहर के बाहरी इलाके में ही अपने वाहन पार्क कर देते हैं. ऐसी शिकायतें कई बार देखने को भी मिली हैं. इसको लेकर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के अधिकारियों के साथ बैठक की गई है. जल्दी इस तरीके से वाहन पार्किंग करने वाले बस मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी नहीं तो ऐसे बसों का परमिट कैंसिल कर दिया जाएगा.
बूटी मोड़ में यातायात टीओपी भी बनाया गया है ताकि गलत तरीके से इन क्षेत्रों में वाहन पार्क ना हो सके. लेकिन इसके बावजूद कई बस चालक अपने निजी लाभ के लिए प्रशासन की नाक के नीचे हर तरीके से अपने वाहन पार्क कर रहे हैं. जिससे आम लोगों को जाम और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि कई बस मालिक अपने निजी फायदे के लिए शहर के बाहरी इलाकों से ही यात्री को चढ़ाने और उतारने का काम करते हैं. जिससे नगर निगम और राज्य सरकार को राजस्व का भी नुकसान होता है. साथ ही साथ अन्य वाहन मालिकों को भी उनके व्यवसाय में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वाहन मालिकों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि परिवहन विभाग के नियमों का पालन किया जा सके.