रांचीःपूर्व-मध्य रेलवे हाजीपुर (East Central Railway Hajipur) के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त मो. शाकिब के रांची स्थित आवास पर एक नाबालिग आदिवासी लड़की से यौन शोषण मामले में सीडब्ल्यूसी (CWC) के सामने पीड़िता ने अपना बयान दर्ज कराया. बयान में पीड़िता ने आरपीएफ अधिकारी मोहम्मद शाकिब, उनकी पत्नी और उनके घर पर तैनात एक सिपाही पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता के बयान पर रांची के चुटिया थाना में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई.
इसे भी पढ़ें-रेलवे गेस्ट हाउस रेप मामला: नहीं दर्ज हो सका सीडब्ल्यूसी के सामने नाबालिग का बयान, अब काउंसिलिंग के बाद होगी FIR
अधिकारी और उनकी पत्नी करते थे मारपीट
पीड़िता ने अपने बयान में लिखा कि बेहद गरीब परिवार से होने की वजह से वह मोहम्मद शाकिब के घर पर काम करने के लिए चली गई. उस दौरान मोहम्मद शाकिब ने यह कहा था कि वो उसे अपनी बच्ची की तरह रखेंगे और पढ़ाएंगे. लेकिन घर लाने के बाद सब कुछ उल्टा हो गया. मोहम्मद शाकिब की पत्नी उसके साथ मारपीट करने लगी. काम करने के दौरान अगर वो थक जाती थी तो भी उसके साथ जमकर मारपीट की जाती थी.
अधिकारी और उनकी पत्नी में सबंध अच्छे नहीं थे
पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि अधिकारी और उनकी पत्नी के बीच संबंध बिल्कुल सामान्य नहीं था. दोनों में अक्सर झगड़ा हुआ करता था. इस दौरान जब वह बीच-बचाव करने जाती थी तो उसके साथ भी मारपीट की जाती थी. यहां तक कि रात-रातभर खाना नहीं दिया जाता था, सोने भी नहीं दिया जाता था.
अधिकारी की पत्नी लगाता थी अवैध संबंध का आरोप
पीड़िता ने अपने बयान में बताया है कि जब आरपीएफ अधिकारी की पत्नी उसके साथ मारपीट करती थी तो अक्सर वह यह कहती थी कि तुम्हारा संबंध मेरे पति के साथ है. अधिकारी की पत्नी को यह शक था कि उसके और आरपीएफ अधिकारी के बीच शारीरिक संबंध है. इस बात को लेकर भी वह अक्सर उससे मारपीट कर दी थी और उसे रातभर अपने कमरे में बैठा कर रखती थी.
इसे भी पढ़ें- रेलवे गेस्ट हाउस रेप में पुलिस को नाबालिग के बयान का इंतजार
शंभू ने बनाया अश्लील वीडियो
पीड़िता ने बताया कि वह एक तरफ तो दोनों पति-पत्नी के झगड़े और मारपीट से बेहद परेशान थी. इसी बीच घर में तैनात आरपीएफ जवान शंभू ने उसका वीडियो अश्लील वीडियो बना लिया और फेसबुक पर वायरल करने की धमकी देने लगा. कई बार शंभू ने उसके साथ जबरदस्ती करने की भी कोशिश की.
वीडियो डिलीट करवाया
पीड़िता के अनुसार एक दिन आरपीएफ अधिकारी आए तो उसने उनको शंभू के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने शंभू को डाटा और उसका मोबाइल लेकर उसमें से वीडियो डिलीट कराया.