रांची: राजधानी के बाजारों में हरि सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है. बाजारों में 10 रु. केजी बिकने वाला टमाटर अब 60 रु. प्रति केजी बिक रहा है, जिसका सीधा असर सामान्य वर्ग के लोगों के जेब पर पड़ रहा है. झारखंड में मानसून के प्रवेश करने और बारिश होने के कारण ही सब्जियों के रेट में काफी इजाफा हुआ है. कोरोना महामारी के कारण लोग खेतों में सब्जी की खेती समय से नहीं कर पाए. जिन किसानों ने लॉकडाउन के दौरान खेती की है बारिश के कारण उनके खेतों में लगे फसल सड़ने लगे हैं. यही कारण है की बाजारों में 10 रु. किलो बिकने वाले सब्जी की कीमत अब 40 रुपये से अधिक हो गया है.
सब्जी बाजारों पर कोरोना का असर
रांची के सब्जी मंडियों में इन दिनों बरसात का असर दिखने लगा है, यही कारण है कि सब्जी के भाव में दोगुना तक की वृद्धि हुई है. सब्जी विक्रेताओं के अनुसार बरसात के मौसम में दूसरे राज्यों से टमाटर आते हैं, लेकिन इस बार उस तरह का ट्रांसपोर्टिंग नहीं हो रहा है, लोकल बाजार से ही अधिक दामों में खरीद कर लाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बारिश के कारण किसान का टमाटर खेत में ही बर्बाद हो गया है, एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण किसानों के उत्पादन में काफी असर पड़ा है, तो दूसरी तरफ सब्जियां प्राकृतिक मार से खेत में ही सड़ गई, इसी कारण से सब्जियों के दाम डेढ़ से दोगुना तक बढ़ गया है. विक्रेताओं की मानें तो कोरोना महामारी के कारण ग्राहक भी सब्जी खरीदने कम आ रहे हैं, ऐसे में मुनाफा बहुत कम हो रहा है, सिर्फ घर किसी तरह से इस महामारी के दौर में चल रहा है.
लोगों की जेब पर असर
सब्जी खरीदने बाजार पहुंचे खरीदार की मानें तो एक तरफ वैश्विक महामारी और लंबे समय से हुए लॉकडाउन के कारण घर की अर्थव्यवस्था पहले ही खराब हो चुकी है, वहीं दूसरी तरफ लगातार सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि कल तक 10 रुपए केजी बिकने वाला टमाटर अब 60 से 80 रुपए केजी बिक रहा है, इसका सीधा असर मध्यम परिवार के लोगों की जेब पर पड़ रहा है, लोगों के थाली से हरि सब्जी गायब होते जा रही है.
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