रांची:राजधानी रांची के मांडर थाना क्षेत्र के मुड़मा गांव में एक ही रात चार धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की गई. आरोपी अब तक पुलिस के हाथ नहीं आ पाया है. मंदिरों में मूर्तियों के खंडित होने की जानकारी जैसे ही लोगों को लगी वे भड़क गए और हजारों की संख्या में सड़क पर उतर कर रांची डाल्टनगंज मार्ग को 10 घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया. भीड़ को संभालने में रांची पुलिस का पूरा तंत्र फेल नजर आया. ग्रामीणों ने पुलिस को यह चेतावनी भी दे रखी है कि अगर जल्द से जल्द मूर्तियों को खंडित करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो वह एक बार फिर से सड़क पर उतरेंगे.
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पूरा मामला रांची के मांडर थाना क्षेत्र के मुड़मा गांव से जुड़ा हुआ है. शुक्रवार के अहले सुबह छठ पूजा को लेकर गांव की महिलाएं नहाए खाए की तैयारी में जुटी हुई थीं, गांव के मर्द खेती के लिए बाहर निकलने को तैयार थे. इसी दौरान गांव में शोर मचा की कई धार्मिक स्थलों में विराजमान मूर्तियों को खंडित कर दिया गया है. गांव में घूमकर देखने पर चार धार्मिक स्थलों में असामाजिक तत्वों के द्वारा मूर्तियों को खंडित किया हुआ पाया गया.
शुक्रवार सुबह 5 बजे ही मूर्तियों के खंडित होने की सूचना जंगल के आज की तरह पूरे रांची में फैल गई. नतीजा आक्रोश के रूप में देखने को मिला. अपने धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ के विरोध में हजारों की संख्या में लोग रांची डाल्टनगंज पथ, चान्हो, बिजुपाड़ा, ठाकुर गांव से लेकर रातू तक सड़क पर उतर आए. देखते ही देखते एनएच के साथ साथ हर तरफ सड़क को जाम कर दिया गया.
सड़क जाम में यात्री बस, ट्रक यहां तक की छोटे वाहन भी सड़क जाम का शिकार बने. इससे पहले की मांडर थाना प्रभारी विनय यादव मामले को संभालने की कोशिश करते, तब तक मामला ही उनके हाथ से निकल गया. परंपरागत हथियारों से लैस महिला और पुरुष हजारों की संख्या पर सड़क पर उतारा है और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान थाना प्रभारी के द्वारा लोगों को समझने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन लोग नहीं माने और जाम एक किलोमीटर से कई किलोमीटर दूर तक फैलता चला गया.
रूरल एसपी सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे:मांडर थानेदार और सर्किल इंसेक्टर के फेल होने के बाद आक्रोशित भीड़ का सामना करने के लिए रूरल एसपी मनीष टोप्पो, एसडीओ रांची, सिल्ली डीएसपी सहित कई पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे लेकिन सड़क पर से भीड़ टस से मस नहीं हुई. शुक्रवार की सुबह पांच बजे से लगा जाम आखिरकार दो बजे जाकर समाप्त हुआ. पुलिस को आक्रोशित भीड़ को सड़क पर हटाने के लिए 10 घंटे लग गए, इस दौरान बस यात्रियों और ऑफिस जाने वाले, गांव से निकल कर सब्जी हाट बाजार और शहर तक ले जाने वाले अपना कारोबार नहीं कर सके.
दिन भर हुई फजीहत के बाद भी पुलिस के हाथ खाली:सुबह पांच से लेकर दोपहर के दो बजे तक पब्लिक पुलिस की फजीहत करती रही, नारेबाजी करते रही. लेकिन इन सब के बावजूद चार धार्मिक स्थल में तोड़ फोड़ करने वाले में से एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. मामले में क्या अपडेट है इसके लिए ईटीवी के द्वारा रांची के रूरल एसपी से पांच बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. मामले में अपडेट जानने के लिए मांडर थाना प्रभारी के नंबर पर भी फोन किया गया, लेकिन प्रभारी का फोन किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा उठाया गया और बताया गया कि थानेदार फ्रेश होने गए है.
मिली जानकारी के अनुसार मामले में किसी आरोपी की गिरफ्तारी शुक्रवार देर रात तक नहीं हो पाई थी. इधर ग्रामीणों ने पुलिस को अल्टीमेटम देखकर रखा है कि अगर जल्द आरोपी गिरफ्तार नही हुए तो वे दोबारा सड़क पर उतरेंगे.