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Van Mahotsav 2023: क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग समस्या पर पूरी दुनिया चिंतित, पर्यावरण के साथ संतुलन बनाना जरूरी: सीएम - Van Mahotsav 2023

रांची में वन महोत्सव कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पेड़-पौधों की उपयोगिता पर अपनी बात रखी. साथ ही कार्यक्रम के अंत में पौधरोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.

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Van Mahotsav Program Organized In Ranchi

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Published : Jul 28, 2023, 8:59 PM IST

रांची:वन पर्यवारण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से 74वां वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिरकत की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मोबाइल एप्लीकेशन आधारित हाथी विचरण निगरानी प्रणाली ऐप, वन विभागीय वेबसाइट, राष्ट्रीय ट्रांजिट पास प्रणाली का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में शामिल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पर्यावरण और प्रकृति के साथ संतुलन को बनाए रखने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लाइमेट चेंज को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. एक वक्त था जब रांची को समर कैपिटल के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज रांची में गर्मी चरम पर होती है. झारखंड नाम से ही यह समझ में आ जाता है कि यह राज्य जंगल-झाड़ से भरा हुआ प्रदेश है.

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पर्यावरण संरक्षण से क्लामेंट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग से मिलेगा छुटकाराः झारखंड प्रदेश देश में सबसे अलग और महत्वपूर्ण राज्य के रूप में देखा जाता है. यहां पर सिर्फ जल, जंगल और जमीन ही नहीं, बल्कि यहां पर खनिज संपदा भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि पूरे देश का 40% खनिज झारखंड राज्य में मौजूद है. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपनी जमीन और जंगलों को अपना अभिन्न अंग समझा था. जिस वजह से आज भी झारखंड में पेड़-पौधों की बहुत ज्यादा कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों में भागीदारी का संदेश नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है, तभी आने वाले दिनों में लोगों को क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या से छुटकारा मिलेगा.

राज्य में दो करोड़ से अधिक पौधरोपण का लक्ष्यः मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में दो करोड़ से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है. राज्य की 50 हजार एकड़ भूमि पर बिरसा हरित ग्राम योजना चलाई जा रही है. इसके अलावा मुख्यमंत्री वन-धन योजना के तहत पेड़ लगाने पर 75% अनुदान दिया जा रहा है. इसके अलावा भी वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अन्य योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि आए दिन झारखंड में हाथियों के उत्पात की वजह से लोगों के घर टूट जाते हैं. इसको लेकर भी राज्य सरकार ने मुआवजे की राशि दोगुनी कर दी है, ताकि वनों में रहने वाले वन्य जीवों को कोई हानि ना पहुंचाए जाए.

राज्य को हरा-भरा रखने के लिए सभी से पौधरोपण करने की अपीलःवन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम में पहुंचे बच्चों और सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि राज्य को हरा-भरा रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं.पौधे लगाने पर प्रत्येक व्यक्ति को पांच यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि लोग पौधे लगाने के प्रति अपनी ज्यादा से ज्यादा रुचि दिखाते हैं तो आने वाले दिनों में पौधे लगाने के लिए सरकार की तरफ से और भी लाभ दिए जाएंगे.

सीएम और अधिकारियों ने किया पौधरोपणः वहीं कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सभी अधिकारियों ने कार्यक्रम मैदान के चारों ओर एक-एक पौधे लगाए. इस मौके पर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांग्यते, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कुलवंत सिंह, एनके सिंह, संजय श्रीवास्तव अन्य वन विभाग के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में आम लोग उपस्थित रहे.

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