रांची:झारखंड के बोकारो जिले के हरला थाना क्षेत्र में यूरेनियम जैसे पदार्थ पकड़े जाने की जांच अब एनआईए करेगी. झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में एनआईए को प्रतिवादी बनाया है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. साथ ही बोकारो एसपी को इस मामले से जुड़ी जमानत याचिका और अन्य दस्तावेज एनआईए को सौंपने के निर्देश दिए हैं.
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यहां से कराएं जांच
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय प्रसाद की अदालत ने जब्त सैंपल की जांच भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) के साथ इंदिरा गांधी एटॉमिक रिसर्च सेंटर कलपक्कम या राजा रमन्ना रिसर्च सेंटर इंदौर में कराने का आदेश दिया है. बार्क को सीलबंद जांच रिपोर्ट भेजने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है. कोर्ट ने इसकी सूचना राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, एनआईए और झारखंड के महानिदेशक को भेजने का निर्देश भी दिया है.
पुलिस की ओर से जब्त किए गए यूरेनियम जैसे पदार्थ के मामले में चल रहे मुकदमे की सुनवाई में न्यायाधीश ने कहा कि यूरेनियम जैसा पदार्थ का मिलना काफी गंभीर है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा और अति गंभीर मामला है. इस कारण इसकी व्यापक जांच एनआईए से कराना उचित होगा.
यूसीआईएल ने कहा यूरेनियम जैसा, यूरेनियम नहीं
इससे पहले बोकारो पुलिस के यूरेनियम जैसे पदार्थ को जब्त करने के मामले में निचली अदालत ने छह आरोपियों को जमानत प्रदान कर दी थी. वहीं एक आरोपी कृष्ण कांत राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. जमानत के लिए राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. सुनवाई के दौरान अदालत ने इसे गंभीर मामला माना और बोकारो के एसपी को कोर्ट में तलब किया. सुनवाई के दौरान एसपी ने अदालत को बताया कि इस मामले का अनुसंधान जारी है. जब्त किए गए सैंपल की जांच जादूगोड़ा स्थित यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ( यूसीआईएल) से कराई गई है. यूसीआईएल ने जांच में जब्त पदार्थ के यूरेनयम नहीं होने की बात कही. उसे यूरेनियम जैसा बताया.